नीतीश कुमार ने चिराग पासवान को सिखाया सबक, LJP के 208 नेताओं की फौज JDU में शामिल
इन सभी नेताओं को जेडीयू में शामिल करवाने के लिए खुद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि आज जो भी नेता अपनी पार्टी छोड़ कर जेडीयू में शामिल हुए हैं वे सभी एलजेपी के पदाधिकारी हैं.
पटना: विधानसभा चुनाव के समापन और सरकार बनने के बाद लगातार जेडीयू में दूसरे दलों के नेताओं के शामिल होने का सिलसिला जारी है. इस बीच गुरुवार को जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में गहमागहमी के माहौल के बीच 208 एलजेपी नेता जेडीयू में शामिल हो गए. इन सभी नेताओं को जेडीयू में शामिल करवाने के लिए खुद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मौजूद रहे.
वहीं जेडीयू में शामिल हुए नेता केशव सिंह ने कहा कि हम लोगों ने पार्टी को अर्श से फर्श तक पहुंचाने का काम किया. लेकिन स्वर्गीय रामविलास पासवान के चले जाने के बाद बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का नारा देने वाली पार्टी चिराग फर्स्ट और परिवार फर्स्ट की विचारधारा पर चलने लगी है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले 25 हज़ार सदस्य बनने का लक्ष्य हर कार्यकर्ता को मिला था. जिसकी 10 रुपये के हिसाब से ढाई लाख रुपए की रकम वसूली गयी. हालांकि इसके बाद भी पार्टी के असल कार्यकर्ता को टिकट नहीं दिया गया.
इन लोगों का अनुभव पार्टी के काम आएगा- आरसीपी सिंह
प्रदेश जेडीयू कार्यालय में एलजेपी नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करवाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि आज जो भी नेता अपनी पार्टी छोड़ कर जेडीयू में शामिल हुए हैं वे सभी एलजेपी के पदाधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि आपको जानकर हैरानी होगी कि अकेले हाज़ीपुर लोकसभा क्षेत्र के 77 पंचायतों के अध्यक्ष, सचिव और पार्टी के विभिन्न पदों पर बैठे हुए लोग हमारी पार्टी में आये हैं. ये सभी राजनीतिक लोग हैं. इन्हें राजनीतिक अनुभव है. ऐसे में इन लोगों का अनुभव पार्टी के काम आएगा.
गौरतलब है कि हाल के दिनों में प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दूसरे दलों के नेताओं से मिलने का सिलसिला जारी है. मुख्यमंत्री पहले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार से मुलाक़ात कर चुके हैं. आपको बता दें कि एलजेपी के एकलौते विधायक रामकुमार सिंह और सांसद चंदन सिंह ने हाल ही में मुख्यमंत्री से मुलाक़ात की थी. जिसके बाद इनके जेडीयू में शामिल होने की चर्चाएं तेज हैं. हालांकि इस मुलाकात के बाद सीएम नीतीश कुमार ने इसे शिष्टाचार मुलाक़ात बताया था.
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