पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार के 100 दिन पूरे हो चुके हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एनडीए (NDA) का दामन छोड़कर नौ अगस्त 2022 को आरजेडी (RJD) के साथ सरकार बनाई थी. सरकार में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के आने के बाद युवाओं को उम्मीद जगी कि अब सरकारी नौकरी (Government Jobs) मिलेगी. वजह थी कि तेजस्वी ने सरकार में आने से पहले वादा किया था. 100 दिनों में छह बार नियुक्ति पत्र बांटकर दावा किया गया कि युवाओं को बिहार में नौकरी (Jobs in Bihar) दी जा रही है. सवाल है कि महागठबंधन सरकार ने 100 दिन में कितनी वैकेंसी निकाली? इस रिपोर्ट को पढ़ें.


महागठबंधन सरकार में अभी तक नौकरी के लिए किसी भी विभाग में विज्ञापन नहीं निकला है. सच्चाई यही है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि सरकारी नौकरियां लगातार दी जा रही हैं. छह बार नियुक्ति पत्र बांटे गए. बांटे गए इन सारे नियुक्ति पत्रों की एबीपी न्यूज़ ने पड़ताल की तो पता चला सारी वैकेंसी पुरानी थी.


20 सितंबर 2022 को राजस्व कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र दिया गया था. पता चला कि दो अगस्त को ही विभाग की वेबसाइट पर इसका पूरा ब्योरा अपलोड कर दिया गया था. पूर्व मंत्री राम सूरत राय ने बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम से नियुक्ति पत्र दे दिया गया था. उसी दिन वेबसाइट पर अपलोड भी हो गया था. आठ अगस्त को सभी कर्मचारियों को जिला भी अलॉट कर दिया गया था. वहीं 27 सितंबर को दिए गए 283 पशु चिकित्सा पदाधिकारी और 194 मत्स्य विकास पदाधिकारी की बहाली जुलाई में ही पूरी हो गई थी.



22 अक्टूबर को 9469 स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटे गए थे. इसको लेकर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में जिन-जिन पदों पर नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं उसकी पूरी प्रक्रिया एनडीए के कार्यकाल में ही पूरी हो चुकी थी. एएनएम के 8517, जिला कम्युनिटी मोबिलाइजर के 26, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के 190 और काउंसलर के 579 पदों के लिए हुई परीक्षा का रिजल्ट 30 जुलाई 2022 को ही प्रकाशित हो गया था. इन सभी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कार्यक्रम के तहत पूरी की गई थी.



नौ नवंबर को विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के 281 और पंचायती राज विकास के 144 पदों के लिए नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया था. इस पर पूर्व पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि 26 जून को ही इसका रिजल्ट आ गया था. 15 जुलाई को मंत्रालय द्वारा जॉइनिंग लेटर का आदेश भी निकल गया था. जल संसाधन विभाग की ओर से 14 नवंबर को 1006 लोगों को नियुक्ति पत्र मिला था. इसकी बहाली बिहार लोक चयन आयोग द्वारा 2014 में ही हो गई थी. उस वक्त याचना भी दी गई थी लेकिन लास्ट वेतन आयोग पद को मरणशील घोषित किया गया था. उस वक्त के मंत्रालय द्वारा इन पदों को होल्ड करने निर्णय लिया गया था जिसे आनन-फानन में 13 अक्टूबर 2022 को कैबिनेट में पास करके महागठबंधन की सरकार ने 14 नवंबर 2022 को नियुक्ति पत्र दे दिया.


गांधी मैदान में पुलिसकर्मियों ने खोले थे पोल


16 नवंबर को 10,459 पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र मिला जिसका खुलासा खुद नवनियुक्त पुलिसकर्मियों ने एबीपी न्यूज़ से किया था और बताया था कि इसी साल जुलाई महीने से वो योगदान दे चुके हैं. उनकी ड्यूटी भी लगी है और वेतन भी मिल रहा है. इनकी बहाली 2022 के मई और जून में हुई थी .


बीजेपी बोली- हंसी के पात्र, आरजेडी ने कहा- कलेजा फट रहा


पड़ताल में जो आंकड़े मिले हैं उससे यह पता चलता है कि इनमें 75% तो अगस्त महीने के पहले से नौकरी कर रहे हैं और वेतन भी उठा रहे हैं. बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार अपनी प्रतिष्ठा इस नियुक्ति पत्र के वितरण से खो रही है. क्योंकि जनता सब जान रही है कि जो भी नियुक्ति पत्र दिया गया वह एनडीए के शासनकाल में ही पूरा हो चुका था. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नियुक्ति पत्र  बांट रहे तो बीजेपी का कलेजा फट रहा है. वहीं जब नए विज्ञापन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया.


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