नवादा: आरजेडी (RJD) के नेता रहे और विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू (JDU) को मदद करने वाले नेता अजीत यादव (Ajit Yadav) ने सोमवार को बीजेपी का दामन थाम लिया. माना जा रहा है कि यह महागठबंधन की सरकार के लिए झटका है. सोमवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP Sanjay Jaiswal) ने पार्टी में शामिल कराया.


2020 के विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित होने के बाद आरजेडी उम्मीदवार मो. कामरान का खुलकर विरोध करते हुए अजीत यादव ने जेडीयू प्रत्याशी पूर्णिमा यादव का समर्थन किया था. बीजेपी में शामिल होते ही उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय पीएम मोदी से प्रभावित होकर जदयू प्रत्याशी का साथ दिया था, लेकिन अब जेडीयू ने आरजेडी के साथ नाता जोड़ लिया है इसलिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.


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लगाया था धोखाधड़ी का आरोप


2020 में गोविंदपुर विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से मो. कामरान को आरजेडी का प्रत्याशी बनाया गया तो पार्टी में अंतर्कलह शुरू हो गया था. पांच अक्टूबर 2020 को आरजेडी के कद्दावर नेता और प्रदेश महामंत्री सह जिला पार्षद अजीत यादव ने आरजेडी पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए पार्टी के सभी पदों सहित पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.


इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में जिला परिषद अजीत यादव ने जेडीयू के समर्थन का एलान कर दिया था. आरजेडी के खिलाफ मैदान में उतरकर जेडीयू के पूर्व विधायक कौशल यादव और पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव के साथ चुनाव के मैदान में सामने आए थे. जेडीयू के हाथ को मजबूत करने के लिए पार्टी के साथ हर बैठक में उपस्थित होकर जेडीयू के हाथों को मजबूत करने लगे थे. अब जेडीयू और आरजेडी के एक साथ हो जाने पर उन्होंने यह कदम उठाया है.


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