पटना: बिहार में शराबबंदी लागू है लेकिन जहरीली शराब से अब तक कई मौतें हो चुकी हैं. हाल ही में छपरा में बड़ी संख्या में लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई थी. इसको लेकर विपक्ष ने सरकार से मुआवजे की मांग की थी. हालांकि नीतीश कुमार ने साफ मना कर दिया था कि वो मुआवजा नहीं देंगे. यहां तक कहा था कि जो पिएगा वो मरेगा. बुधवार को बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में एक बार फिर इस पर बहस हुई. नीतीश कुमार ने इसके उलट बयान दिया और वह यू-टर्न लेते दिखे. कहा कि जो लोग मर जाते हैं उनके परिवारों को मुआवजा मिलना चाहिए या नहीं इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे.
2016 की सीएम ने दिलाई याद
जहरीली शराब से मौत और मुआवजे पर अपनी बात कहते हुए विधान परिषद में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 2016 में शराबबंदी को लागू किया गया था. 2016 में निर्णय लिया गया था कि जो गड़बड़ करेगा उसी से मुआवजा दिलवाएंगे. जब तक वो नहीं देगा तब तक हम लोग अपने पास से दे दें. फिर मामला कोर्ट में चला गया. अभी तो हम लोग कुछ नहीं कर रहे हैं.
परिजनों को दिलवानी है शपथ: सीएम
विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने आगे कहा कि जहरीली शराब पी कर मौत होती है तो पीने वाला तो मर जाता है, लेकिन जो पीकर मर गया अब उसके परिजनों को शपथ दिलवाई जाएगी. बताएंगे कि देखो पीने के कारण मर गया. नीतीश ने अपने संबोधन में कहा कि मृतक के परिजनों को आगे से जो भी सहयोग मदद करना हो या मदद करनी हो तो इन सब चीजों पर सब लोग बैठकर विचार कर लीजिए.
इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि शराबबंदी उनका अकेले का या किसी पार्टी का निर्णय नहीं था. सब लोगों ने मिल कर इस पर निर्णय लिया था. सीएम ने विपक्ष से कहा कि जब कहिएगा हम ऑल पार्टी मीटिंग करा देंगे ताकि सब मिलकर सर्वसम्मति से निर्णय लें सकें.
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