Bihar News: बिहार में बसेगा नीतीश नगर और मोदी नगर, जानिए क्या है सरकार की योजना और पूरी प्लानिंग, VIDEO
Nitish Nagar and Modi Nagar in Bihar: पांच एकड़ या दस एकड़ जमीन चिह्नित कर वहां 100 या 200 परिवार को एक साथ ले जाकर सरकार बसाएगी. कई जिलों में इसके लिए निरीक्षण किया गया है.
पटनाः बिहार में विस्थापितों को बसाने के लिए सरकार मोदी नगर (Modi Nagar) और नीतीश नगर (Nitish Nagar) बसाने की तैयारी कर रही है. इसकी तैयारी काफी दिनों से हो रही है. गुरुवार को भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय (Ramsurat Rai) ने कहा कि पूरे बिहार के अंदर गरीबों को जमीन बांटी जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मकान आवास योजना के तहत पैसा देंगे. इसके बाद जमीन आवंटित कर उस पर घर बनवाया जाएगा.
रामसूरत राय ने कहा कि पैसा आने के बावजूद भी जमीन नहीं होने के कारण मकान नहीं बन पा रहा था. अपने विभाग की समीक्षा की और पाया कि गरीबों को पर्चा बांटना है, लेकिन विगत कुछ वर्षों से पर्चा नहीं बांटा जा रहा है. इसको लेकर कटिहार, पूर्णिया, सहरसा, मुजफ्फरपुर, जमुई में पर्चा बांटना शुरू किया. विस्थापितों को बसाने के लिए पांच से दस एकड़ जमीन आवंटित कर 100 से 200 परिवार को बसाने की प्लानिंग है. बांका के रजौन में आठ एकड़ में भूमि चिह्नित की गई है. उस भूमि पर जिलाधिकारी को प्लानिंग बताई गई है.
नीतीश और मोदी नगर! विस्थापितों की डगर… अब नहीं रहेगा कोई बेघर... बसेगा नीतीश नगर-मोदी नगर! सुनिए क्या कह रहे हैं भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय. वीडियो शैलेश..Edited by @iajeetkumar pic.twitter.com/n4cuUoBihm
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) June 30, 2022
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हर जिले में नीतीश नगर मोदी नगर
डीएम को बताया गया है कि वहां पहले रोड निकाला जाए. इसके बाद बिजली के पोल लगाए जाएं. फिर तीन डिसमिल या चार डिसमिल जो भी जमीन हो उस प्लॉट पर कैंप लगाकर जमीन दें और ये भी बताएंगे कि किसकी चौहद्दी क्या है ताकि लड़ाई न हो. इससे ये होगा कि वह व्यक्ति सम्मान के साथ रहेगा. हर जिले में दो बनेगा, मोदी नगर और नीतीश नगर.
आरजेडी ने योजना को लेकर बोला हमला
इधर, आरजेडी के वरिष्ठ नेता आलोक मेहता ने इस योजना को लेकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये तो पुराना कॉन्सेप्ट है. इसके पहले कई स्टेशन के नाम बदले गए, शहरों के नाम बदले गए हैं. उसी तरह ये पुराना कॉन्सेप्ट है बस नाम बदला गया है. योजना का क्या हुआ जो आपने वादा किया था कि तीन डिसमिल जमीन मिलेगी. आज 18 वर्षों के बाद भी आप नाम ही खोज रहे हैं. जमीन मिलेगी कि नहीं मिलेगा, मिली कि नहीं मिली, जिनकी मिली उनके कब्जे हो रहे हैं उस पर सरकार का कहां ध्यान है?
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