पटना: साल 2016 से बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Prohibition Law) में संशोधन के प्रस्ताव को सोमवार को नीतीश कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद शराबबंदी कानून के नियम बदल गए हैं. हालांकि, कानून में संशोधन करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विपक्ष के टारगेट पर आ गए हैं. मंगलवार को बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा.
तेजस्वी यादव ने कही ये बात
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि कितनी बार इस कानून में संशोधन किए गए, लेकिन उसका फलाफल कुछ नहीं निकला. असल में शराबबंदी कानून के मामले में नीतीश कुमार पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं. लगातार बाहर से शराब आ रही है. जहरीली शराब के सेवन से कई जगह लोगों की मौत हो रही है. असल में इस कानून से राज्य के लोगों को उलझाया जा रहा है. वहीं, इसके आड़ में पैरेलल इकोनॉमी खड़ी की जा रही है.
बता दें कि बिहार मद्य निषेद्य और उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2022 को सोमवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है. संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून संबंधी कई नियम बदल गए हैं. नए कानून के तहत शराब पीकर पकड़े जाने पर 2-5 हजार रुपये के बीच जुर्माना देना होगा. जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल हो सकती है. पहले जुर्माना 50 हजार था. लेकिन अब ये नियम बदल गया है.
बार-बार हो रही थी फजीहत
गौरतलब है कि शराबबंदी कानून को लेकर हो रही फजीहत के बाद नीतीश सरकार ने इसमें संशोधन किया है. नए शराबबंदी कानून में पहली बार शराब पीने वालों को छूट दी गई है. पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर मजिस्ट्रेट द्वारा जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा. हालांकि, जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल होगी. लेकिन बार-बार शराब पीकर पकड़े जाने पर यह नियम लागू नहीं होगा. वैसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
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