पटना: बिहार में अब कोई महागठबंधन नहीं है. महागठबंधन के तौर पर सामने आई बिहार की दोनों मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) की राहें अलग हो गई हैं. कांग्रेस के विधायक ना तो अब महागठबंधन के अस्तित्व को मानते हैं और ना ही तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को अपना नेता. बिहार विधानसभा उपचुनाव में दोनों पार्टी के बीच जो खींचतान शुरू हुई थी, उसने दोनों पार्टियों को अलग कर दिया है. अब कांग्रेस अकेले अपने एजेंडे के साथ चलेगी. इधर, आरजेडी वाम दलों के साथ मिलकर आगे की रणनीति तय करेगी.
गठबंधन का कोई मतलब नहीं
कांग्रेस नेता और विधायक शकील अहमद (Shakeel Ahmad) ने सोमवार को एबीपी न्यूज को बताया कि बिहार कांग्रेस के सभी नेताओं ने मिलकर तय किया कि गठबंधन का कोई मतलब नहीं है. हमारी पहचान अलग है. हम फ्लोर के अंदर भी अपनी बातों को अलग ही रखेंगे. हमारा विषय भले ही एक समान हो, लेकिन हम अब उसे अपने तरीके से रखेंगे. अगले चार दिन हम चार मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे. अलग दिखेंगे. वहीं, कारण पूछने पर ये स्पष्ट कहेंगे कि गठबंधन नहीं है.
तेजस्वी यादव आरजेडी के नेता
कांग्रेस विधायक ने कहा, " हम महागठबंधन की कोई मीटिंग में भी शामिल नहीं होंगे. उनको (आरजेडी) जो बोलना है वो बोलते रहें." तेजस्वी आपके नेता हैं या नहीं के सवाल पर उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव आरजेडी के नेता हैं. वो हमारे नेता नहीं हैं. अब ना महागठबंधन है और न ही वो हमारे नेता." वहीं, आरजेडी की स्टैंड के संबंध में उन्होंने कहा कि आरजेडी वाम दलों (Left Parties) को साथ लेकर चल रही है. उन्होंने एलान कर ही दिया है."
अजीत शर्मा ने कही थी ये बात
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता और विधायक अजीत शर्मा (Ajeet Sharma) ने महागठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस आरजेडी के साथ फिलहाल महागठबंधन के किसी बैठक में शामिल होने पर विचार नहीं कर रही है. पार्टी को क्या करना है ये आलाकमान तय करे. आरजेडी ने उपचुनाव में जिस तरह से कांग्रेस के साथ किया है, उसे बिहार कांग्रेस के नेता भूल नहीं सकते हैं.
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