बिहारः कोरोना से कैसे लड़ेंगे कटिहार के लोग? बाजार से जीवन रक्षक दवाइयां तक गायब
कटिहार जिला की सीमाएं बंगाल, नेपाल और झारखंड से सटी हुई हैं. सूत्रों की मानें तो कोविड के लक्षण वाले रोगियों के उपयोग में आने वाली इन उपयोगी दवाइयों की तस्करी की जा रही है.
कटिहारः जिले के बाजार में जीवन रक्षक दवाइयां गायब हो चुकी हैं. इससे अब सवाल उठने लगा है कि आखिर यहां के लोग कोरोना जैसी महामारी में लड़ें भी तो किसके सहारे. लोगों ने बताया कि बाजार में ऑक्सीमीटर, जिंकोविट, कार्बोनप्लस जैसी साधारण दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हैं. लोग इन दवाइयों के लिए परेशान हैं.
बाजार में जल्द दवा उपलब्ध कराने के लिए निर्देश
कटिहार जिला की सीमाएं बंगाल, नेपाल और झारखंड से सटी हुई हैं. सूत्रों की मानें तो कोविड के लक्षण वाले रोगियों के उपयोग में आने वाली इन उपयोगी दवाइयों की तस्करी की जा रही है. इस मामले में कटिहार के जिला पदाधिकारी उदयन मिश्र ने बताया कि वर्चुअल मीटिंग कर स्टॉकिस्ट को जल्द से जल्द ऐसी दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिया गया है ताकि को कोरोना के लक्षणों से पीड़ित लोगों को मिल सके.
गांव से लोग आ रहे दवा लेने, लौट रहे खाली हाथ
इस मामले में डॉक्टर संजय तिवारी ने बताया कि बाजार में इस तरह दवाई का शॉर्टेज होने से ना सिर्फ रोगियों को दिक्कत हो रही है बल्कि डॉक्टरों को भी समस्या आ रही है. इलाज करने में परेशानी हो रही है. ऐसे में जल्द से जल्द दवाई को दवा दुकानों पर उपलब्ध कराना जरूरी है. इस मामले में मोहम्मद इसराइल ने बताया कि वह गांव से शहर दवाई लेने के लिए आया हूं, लेकिन कई दुकानों का चक्कर लगाने के बाद भी दवा नहीं मिल रही है.
दवाई दुकानदार पंकज कुमार ने बताया कि कोरोना काल में इन दवाइयों की जरूरत लोगों को पड़ती है, लेकिन स्टॉकिस्ट द्वारा दवाई नहीं दी जा रही है. उनके पास भी कमी होने की बात कही जा रही है. दवाइयों का इस प्रकार नहीं मिलना कालाबाजारी और तस्करी की ओर संकेत करता है ऐसे में जिला प्रशासन को इस और कड़ा कदम उठाने की आवश्यकता है.
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