पटना: हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अब जूनियर डॉक्टरों के पक्ष में उतर आए हैं. मांझी ने ट्वीट कर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से अनुरोध है कि कोरोना महामारी को देखते हुए राज्यहित में जूनियर डाक्टरों की सभी माँगों को मानकर अविलंब उनकी हड़ताल को ख़त्म कराना चाहिए.‪जूनियर डाक्टरों की हड़ताल का सीधा असर ग़रीबों पर पड़ रहा है.



बताते चलें की बिहार में स्टाइपेंड की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आज छठे दिन भी जारी रहा.बीते बुधवार को एक साथ राज्य के सभी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये हैं, और इस हड़ताल से राज्य की चिकित्सा व्यवस्था चरमराने लगी है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से बिहार के सभी 9 मेडिकल कॉलेज प्रभावित हैं, जहां ओपीडी और इमरजेंसी सेवा पर इसका प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है. जूनियर डॉक्टरों की मांग स्टाइपेंड में बढ़ोतरी को लेकर है, जिसको लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.



बिहार में सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था मूलत जूनियर डॉक्टरों पर ही आश्रित होती है ऐसे में मरीजों की मुश्किलें और बढ़ने का आशंका जताई जा रही है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जूनियर डॉक्टर कार्य का बहिष्कार कर धरने पर हैं. और जूनियर डॉक्‍टर सिर्फ कोविड ड्यूटी ही दे रहे हैं.



सीनियर डॉक्टर्स भी उतरे समर्थन में



जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की मानें तो 2017 में ही राज्य सरकार ने हड़ताल के बाद भरोसा दिया था कि हर 3 साल पर स्टाइपेंड की राशि में बढ़ोतरी होगी लेकिन 2020 खत्म होने को है और अब तक स्टाइपेंड की राशि नहीं बढ़ाई गई. जिसके बाद सभी हड़ताल पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया है और मांगों को जायज बताया है. हड़ताल की जानकारी डॉक्टरों ने अस्पताल के प्राचार्य के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिखकर दे दी है.


हड़ताल की वजह से मरीजों की मुश्किलें अब काफी बढ़नेवाली है क्योंकि कोरोना काल मे सामान्य और इमरजेंसी मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेजों में प्रभावित होगा ऐसे सरकार की भी चुनौतियां बढ़ गई है, वह भागलपुर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर कुमार ने मांगे पूरी नहीं होने तक दुनिया डॉक्टरों का हड़ताल जारी रखने की बात कही