समस्तीपुर: जिले में नागपंचमी के अवसर पर शुक्रवार को जगह-जगह पर पारंपरिक रूप से लोगों ने विषहर स्थान पर नाग की पूजा (Samastipur News) की. इस दौरान जुटे 'भगत' ने सांप के साथ करतब दिखाते हुए लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कोई अपने हाथ तो कोई गले तो कोई अपने मुहं में सांप को पकड़कर करतब दिखा रहे थे. इसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ भी पहुंची हुई थी.


नागपंचमी के अवसर पर आयोजन किया गया था समारोह


जिले के सिंघिया के अलावे दलसिंहसराय प्रखंड के मालपुर, नवादा, महनैया, कोनैला, मनियारपुर, सलखनी, ओरियामा, बम्बईया आदि गांवों में नाग मेला का आयोजन काफी धूमधाम के साथ किया गया. मालपुर के बिषहर स्थान मंदिर पर आयोजित मेला में जिले के अलावे राज्य के अन्य जिलों से भी लोग आकर पूजा अर्चना की. लोग यहां मन्नत मांगते हैं. लोगों की मन्नत पूरी होने पर यहां झांप चढाते हैं. यहां महिलाएं अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर कई तरह की पूजा करती हैं.


देखने के लिए जुटे थे आस-पास के लोग


नागपंचमी पर्व को लेकर महिलाओं ने गोबर से अपने घर में पूजा कीं. इस अवसर पर प्रसाद स्वरूप लोग नीम की पत्ती और दही ग्रहण करते हैं. वहीं, विषहर स्थान के पुजारी शंकर भंडारी, लक्ष्मी सिंह, रामचंद्र सिंह के साथ बसढ़िया चौक के पास एनएच 28 किनारे स्थित छबकाही पोखर से सांप निकाल कर कर्तव्य दिखाते हुए नागों की पूजा-अर्चना की. इसे देखने के लिए आस-पास के लोग पहुंचे हुए थे.


शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि में पूरे देश नागपंचमी की पूजा की जाती है


बता दें कि हर साल नाग पंचमी श्रवण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि में पड़ती है, जिसे पूरे देश में मनाया जाता है. हर महिने पंचमी तिथि के देव नाग देवता की पूजा की जाती है लेकिन श्रवण मास में पड़ने वाले शुक्ल पक्ष की नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन नाम देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उनको दूध से स्नान भी कराया जाता है साथ ही कई जगह उन्हें दूध भी पिलाया जाता है. नाग पंचमी के दिन नागों का दर्शन होना बहुत ही शुभ माना जाता है. हिंदू धर्म में नाग को सबसे अधिक महत्व दिया गया है. वहीं, समस्तीपुर में आज के ही तिथि में सांपों की पूजा की जाती है.


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