बांका: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मंगलवार को मंदार पर्वत (Mandar Hill) पर रोपवे का उद्घाटन और जैव विविधता संरक्षण क्षेत्र के शिलान्यास के बाद बांका प्रखंड स्थित ओढ़नी जलाशय का मोटरबोट से भ्रमण किया. इसके बाद जिले के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत भदरिया पुरातात्विक अवशेष स्थल का हवाई सर्वेक्षण किया. मुख्यमंत्री ने ओढ़नी जलाशय के निरीक्षण के दौरान जलाशय के दूसरे छोर पर उतरकर वहां की मनोरम वादियों में भी कुछ पल बिताए.
ओढ़नी जलाशय बांका जिला मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर दूर मनोरम वादियों के बीच स्थित है. इसका निर्माण वर्ष 2001 में किया गया था. इस जलाशय की प्राकृतिक रूपरेखा को ध्यान में रखते हुए बिना किसी छेड़छाड़ के सारे कार्य किए जा रहे हैं. डैम साइड कैंपिंग, मेडिटेशन कैंप, मड हाऊस स्टे, जंगल सफारी, नेचर सफारी, माउंटेन कैंपिंग, डैम साइड साइक्लिंग, बर्मा ब्रीज, जिप लाइन और डैम विशेष में कई सारे परदेशी पक्षियों के आगमन उपरांत वर्ड वाचिंग का अद्भुत संयोग बनता है. यहां की भौगोलिक संरचना भी काफी अच्छी है.
ओढ़नी डैम पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण
आईलैंड पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहली बार यहां आए हैं. हमने इस जलाशय का निरीक्षण किया है. पर्यटन की दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण स्थल है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां सरकार द्वारा योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है. साथ ही हमने भ्रमण और निरीक्षण के दौरान कुछ सुझाव दिए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाके में पौधरोपण कराया जा रहा है. इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि यहां के पुराने वृक्षों की प्रजातियों को भी सुरक्षित रखा जाए. यहां राज्य के साथ-साथ बाहर से भी पर्यटक घूमने आएंगे. उन्होंने कहा कि खेती के लिए भी इस जलाशय का उपयोग किया जाता है. पर्यटन को बढ़ावा देने कि यह काफी गुंजाइश है. पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी यह स्थल महत्वपूर्ण है. यहां हरियाली और जल का संरक्षण हो रहा है. इस जलाशय की साफ-सफाई की भी व्यवस्था की गई है. नई पीढ़ी के लोगों के साथ ही आने वाले पर्यटकों को यहां आकर काफी कुछ जानने और समझने को मिलेगा.
भदरिया पुरातत्विक अवशेष स्थल का सर्वेक्षण
जिले के अमरपुर प्रखंड क्षेत्र के भदरिया गांव स्थित चांदन नदी के तट पर अवस्थित पुरातत्विक स्थल का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा हवाई सर्वेक्षण किया गया. मुख्यमंत्री के द्वारा भदरिया गांव के समीप चांदन नदी के तट पर किए गए हवाई सर्वेक्षण के बाद ग्रामीणों में एक बार फिर से उम्मीद की किरण जग गई कि शायद अब अवशेष स्थल की खुदाई का निर्देश दिया जाएगा और भदरिया गांव का कायाकल्प होगा.
मालूम हो कि पिछले वर्ष छठ महापर्व के दौरान ग्रामीणों को चांदन नदी के तट पर घाट बनाते समय पुराने भवनों के अवशेष मिले थे. इसके बाद पुरातत्व विभाग की टीम के निरीक्षण करने के बाद स्वयं मुख्यमंत्री ने भदरिया गांव आकर पुरातात्विक स्थल का अवलोकन किया था. मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद पुरातात्विक स्थल को संरक्षित करने के लिए चांदन नदी की धारा को मोड़ने के लिए नदी तट पर रिंग बांध बनाते हुए युद्ध स्तर पर कार्य किया गया था. प्राचीन इतिहास के अनुसार भदरिया गांव भगवान बुद्ध की परम शिष्या विशाखा की जन्मस्थली है और अपने शिष्या से मिलने स्वयं भगवान बुद्ध हजारों शिष्यों के साथ भदरिया गांव आकर वर्षों तक यहां निवास किया था.
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