मुखिया का पावर खत्म होने पर अफसर संभालेंगे कमान, तेजस्वी बोले- वैकल्पिक तौर पर सरकार करे ये काम
15 जून को त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल हो जाएगा समाप्त.तेजस्वी बोले- प्रशासनिक अधिकारी जिम्मेदारी सम्भालेंगे तो बढ़ेगा भ्रष्टाचार.
पटनाः बिहार में इसी साल पंचायत चुनाव होना था, हालांकि यह कब और कैसे होगा इसपर कुछ साफ नहीं है. अभी अगली सूचना तक इसे स्थगित कर दिया गया है. वहीं, 15 जून को त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि आगामी चुनाव तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल को विस्तारित किया जाए.
लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरूरीते
गुरुवार को तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि कार्यकाल को विस्तारित करने से पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सकेगा. पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है. अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा.
बिहार पहले से ही नीतीश सरकार की तानशाही और लोकतंत्र की हत्या से परेशान है। अब कम से कम पंचायत और वार्ड स्तर पर तो इस अलोकतांत्रिक रवैये, तानाशाही और संगठित भ्रष्टाचार को फैलाने से परहेज़ किजीए।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 20, 2021
“अब गांव स्तर पर भी सरकारी अफसर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी. लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरूरी. बिहार पहले से ही नीतीश सरकार की तानशाही और लोकतंत्र की हत्या से परेशान है. अब कम से कम पंचायत और वार्ड स्तर पर तो इस अलोकतांत्रिक रवैये, तानाशाही और संगठित भ्रष्टाचार को फैलाने से परहेज कीजिए.”
पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है। अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा। अब गॉंव स्तर पर भी सरकारी अफ़सर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी।लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरुरी हैं।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 20, 2021
गौरतलब हो कि कोरोना त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर लगभग पूरी तरह से ग्रहण लग गया है. सूत्रों के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायतों का कामकाज 15 जून के बाद जनप्रतिनिधियों के जिम्मे नहीं, बल्कि अधिकारियों के हाथ में चला जाएगा. वार्ड से लेकर ग्राम पंचायत, पंचायती समिति और जिला परिषद तक की विकास योजनाएं बनाने और मंजूर करने का अधिकार प्रखंड से लेकर जिलों के अफसरों को देने की तैयारी सरकार कर रही है. पंचायती राज व्यवस्था के तहत होने वाले काम अफसरों के जिम्मे होंगे.
यह भी पढ़ें-
सुशील मोदी के 'बहनों' वाले ट्वीट पर भड़कीं लालू की बेटी रोहिणी, ट्विटर पर ही चेताया; कहा- मुंह...
64वीं BPSC का परिणाम नहीं आने पर तेजस्वी ने CM नीतीश पर कसा तंज, कहा- सेटिंग-गेटिंग तो नहीं हो रहा