अस्पताल परिसर में कचरे की ढेर में पड़ा रहा वृद्ध, स्वास्थ्यकर्मियों ने इलाज करना नहीं समझा मुनासिब
सिविल सर्जन ने कहा कि कचरे की ढेर में मरीज के होने की बात संज्ञान में आने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. साथ ही पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है.
सहरसा: बिहार के सरकारी अस्पताल अपने कारनामों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. ताजा मामला बिहार के सहरसा जिले सदर अस्पताल का है, जहां से गुरुवार को हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई. तस्वीर में दिख रहा शख्स अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा था, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उसका इलाज करना भी मुनासिब नहीं समझा और उसे अस्पताल परिसर में ही कचरे की ढेर के पास लेटा दिया. कचरे के ढेर में पड़ा वृद्ध इलाज के लिए कराहता रहा, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी मूकदर्शक बन देखते रहे.
मीडिया के पहुंचने के बाद हारकर में आए स्वास्थ्यकर्मी
इधर, जब एबीपी न्यूज ने मौके पर पहुंच कर मामले की जानकरी लेनी शुरू की, तब अस्पताल कर्मियों की नींद खुली. इसके बाद दो स्वास्थ्यकर्मी मौके पर पहुंचे और अधमरे अवस्था में वृद्ध को स्ट्रेचर पर उठाकर कर इमरजेंसी वार्ड ले गए. इस संबंध में जब अस्पताल में मौजूद अन्य लोगों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वृद्ध का बुधवार तक इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा था. लेकिन गुरुवार को अचानक उसे कचरे के ढेर में देखा गया.
सिविल सर्जन ने कही जांच की बात
ऐसे में सवाल उठता है कि जिस मरीज का इमरजेंसी वार्ड में इलाज चल रहा था, वो कचरे की ढेर में कैसे पहुंच गया? क्या वो खुद अस्पताल से भाग रहा था? या स्वास्थ्यकर्मियों ने जानबूझ कर मरीज को कचरे में मरने के लिए फेंक दिया? इस मामले से सहरसा के सिविल सर्जन से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कचरे की ढेर में मरीज के होने की बात संज्ञान में आने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. साथ ही पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है. जो भी इस मामले में दोषी पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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