Bihar News: DGP आरएस भट्टी का दावा, कम समय में सेवा देने वाली बिहार पुलिस होगी देश में नंबर वन, 20% थानों में होंगी महिला SI
DGP RS Bhatti: डीजीपी ने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर के चुस्त दुरुस्त होने की बात कही साथ ही कहा कि बिहार पुलिस में 20000 महिला पुलिसकर्मी हो चुके हैं. यह महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है.

DGP RS Bhatti On Bihar Police: 78वें स्वतंत्रता दिवस को लेकर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई तो विपक्ष के लगातार निशाने पर रहने वाले बिहार पुलिस ने भी दावा किया है कि हम सेवा देने में देश के दूसरे स्थान पर हैं, जबकि क्विक सेवा देने में सातवें स्थान पर हैं. वही बिहार पुलिस का लक्ष्य है जल्द ही पूरे राज्य के 20% थानों में महिला थाना अध्यक्ष हो. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के पुलिस मुख्यालय में झंडोत्तोलन के बाद अपने संबोधन में पुलिस महानिदेशक आरएस भट्टी ने कहा कि हम लोग बिहार पुलिस में 20000 महिला पुलिसकर्मी हो चुके हैं. यह महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है.
'महिलाओं का विभाग के अंदर सशक्तिकरण हो'
उन्होंने कहा बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या करीब 20 हजार तो हो चुकी है, लेकिन सिर्फ संख्या बल नहीं हमने यह भी प्रयास किया है कि उनकी विभिन्न तरीकों से जो महिलाओं की आवाज है, वह थाना में और महिलाओं का विभाग के अंदर सशक्तिकरण हो. आज के डेट में 223 महिला पदाधिकारी राज्य के थानों में थानाध्यक्ष के पद पर या अपर थानाध्यक्ष के पद पर स्थापित है, इनमें कुछ थाना अध्यक्ष के पद पर हैं, जो हमारी पदों की संख्या के हिसाब से 11% पर हैं और जैसे-जैसे उन्हें आगे बढ़ाएंगे तो हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द पूरे बिहार में 20% महिला थाना अध्यक्ष होंगी.
बिहार पुलिस में कार्यरत महिलाओं की संख्या करीब 30 हजार हो गई है, 223 महिला पदाधिकारी राज्य के थानों में थानाध्यक्ष या अपर थानाध्यक्ष के तौर पर पदस्थापित हैं।
— Bihar Police (@bihar_police) August 15, 2024
आने वाले समय में #Bihar में लगभग 20 फीसदी महिला पुलिस पदाधिकारी थानाध्यक्ष के रूप में काम करेंगी। 1/2#IndependenceDay pic.twitter.com/o01elLwKdc
डीजीपी भट्ठी ने कहा कि इसके अलावा पिछले एक साल से हमने हर थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित किया है और इसका मुख्य उद्देश्य है महिलाओं को महिला पदाधिकारी से सीधा संपर्क स्थापित हो. उस महिला अधिकारी का फोन नंबर भी साझा किया गया है ताकि महिला लोग बिना किसी संकोच के महिला पदाधिकारी से बात कर सके और उनकी समस्या दूर हो सके. महिलाओं की जो आवाज है पुलिस व्यवस्था में उसे दुरुस्त करने की हम कोशिश कर रहे हैं.
डीजीपी ने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर को चुस्त दुरुस्त होने की बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी ने कुछ महीने पहले ही 112 डायल सेवा के दूसरा चरण में हरी झंडी दी गई तो आज की डेट में बिहार में जो डायल 112 की आपात कालीन सेवा है वह प्रतिदिन 5000 लोगों को सेवा दे रही है. हमारी 1833 गाड़ियां पूरे राज्य में कार्य कर रही है, जिनके साथ एंबुलेंस और अग्निशमन सेवा भी कार्यरत और इस वर्ष हम करीब 15 लाख लोगों को आपातकालीन सहायता देंगे.
क्विक सेवा देने में सातवें स्थान पर पहुंची बिहार पुलिस
उन्होंने कहा कि यह हाल में ही हमने स्थापित की है इसके बावजूद हमारा जो रिस्पांस टाइम है 18 मिनट है. कहीं भी बिहार में किसी को भी जरूरत हो 112 डायल करें और 18 मिनट हमारी सेवा पहुंचती है. यह एक बड़ी उपलब्धि है. डीजीपी ने दावा करते हुए कहा कि इस क्रम में जो राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन हुआ है उसमें लोगों को तुरंत सेवा देने में बिहार राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर पहुंच गई है. साथ ही रिस्पांस टाइम के मामले में जो 18 मिनट का समय 112 के पहुंचने का है उसमें हम राष्ट्रीय स्तर पर सातवें स्थान पर पहुंच गए. अभी और काम बाकी है, मुझे उम्मीद है कि हम बहुत जल्द पूरे देश में पहले स्थान पर रहेंगे.
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