पटना: कोरोना महामारी के बीच शनिवार को सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में झंडोत्तोलन किया. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में राज्य के सरकारी शिक्षकों के लिए बड़ा ऐलान किया. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षकों के लिए नई नियमावली लाई जाएगी. पंचायती राज्य के तहत नगर और पंचायत राज्य के जो शिक्षक हैं, उन्हें कर्मचारी भविष्य योजना के तहत लाया जाएगा. इस कार्य के लिए नियमावली बन रही है जो 21 दिनों के अंदर हो पूरा हो जाएगा. इंटर में शिक्षक नियुक्ति की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी. राज्य में 33,916 शिक्षकों का पद सृजित किया जा रहा है. वहीं जल्द राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की नीति लाई जाएगी.
सीएम नीतीश ने कहा, " बिहार का प्रजनन दर और घनत्व आप देख रहे हैं कितना ज्यादा है. ऐसे में सभी जगह लड़के और लड़कियों की शिक्षा की व्यवस्था होगी, जिससे बिहार के लोगों का विकास होगा. मालूम हो कि बिहार में लड़कियों के मैट्रिक पास करने की संख्या लड़कों से ज्यादा है. बिहार में पहले टीकाकरण आंकड़ा 18 परसेंट था, अब बिहार में टीकाकरण का आंकड़ा 86 परसेंट है."
सीएम नीतीश कुमार ने कहा, " आज लोग फसलों का अवशेष जला देते हैं. लेकिन उस पर भी हम अभियान चला रहे हैं और फसल अवशेषों का प्रबंधन ठीक से करने की कोशिश कर रहे हैं. राज्य सरकार किसानों को 75 से 87 फीसद अनुदान राशि उपलब्ध करा रही है."
कोरोना महामारी की चर्चा करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा, " आज कोरोना की वजह से क्या स्थिति हो गई है यह तो पूरी दुनिया के लोग देख रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार कोरोना को लेकर शुरू से सचेत रही है. हमारी सरकार विषम परिस्थिति में काम कर रहे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों और पुलिस का अभिनंदन करती है. हम लोगों ने 23 मार्च को आंशिक लॉकडाउन किया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को सम्पूर्ण लॉकडाउन कर दिया."
सीएम नीतीश कुमार ने कहा, " बिहार सरकार ने जरूरत के हिसाब से राज्य में पाबंदियां लगाईं, वहीं संक्रमण के रोकथाम को लेकर जो भी आवश्यक कदम थे वह उठाए. जब लॉकडाउन खत्म हुआ जून-जुलाई में मरीजों के आंकड़े बढ़े. लेकिन हम लगातार जांच का सिलसिला बढ़ा रहे हैं और अब पूरे बिहार में तेजी से जांच हो रही है."
उन्होंने कहा, " कोरोना जांच तो हो रही है, लेकिन हम लोगों ने तीन स्तर पर इंतजाम करके रखा है. हम लोग लगातार आईसीयू में वेंटीलेटर बढ़ाने की व्यवस्था कर रहे हैं. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए उन्हें उनके 1 महीने के समतुल्य वेतन की राशि देने की घोषणा की है." उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के पीरियड में बिहार के बहुत लोग बाहर फंसे हुए थे. हमने उनसे संपर्क कर उन्हें 1000 रुपये की सहायता दी, वहीं सुनियोजित तरीके से 19,50,000 लोगों वापस बिहार लाया.
अपने संबोधन में तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा, " हम तो काम पर ध्यान देते हैं, लेकिन कुछ लोगों को राज्य की कोई जानकारी नहीं है, वो केवल ट्वीट करना जानते हैं. हमने कोरोना संकट काल में प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज दिया और 1000 रुपए की मदद की."
सीएम नीतीश कुमार ने कहा, " बिहार में असमय वर्षा की वजह से रवि फसल का नुकसान हुआ. हम सभी को मालूम है कि 15 जून से मॉनसून शुरू होता है, लेकिन इस बार 15 जून के पहले से ही मॉनसून शुरू हो गया. नेपाल में वर्षा की वजह से राज्य के 16 जिले के 81 लाख लोग बाढ़ प्रभावित हैं. ऐसे में सरकार बाढ़ राहत केंद्र चला रही है और लोगों के लिए भोजन का इंतजाम कर रही है. हम लोग एक-एक काम कर रहे हैं. लेकिन हम लोग प्रसारित करने में विश्वास नहीं रखते, हम केवल काम करने में विश्वास रखते हैं.