पटना: बिहार की राजधानी पटना में एनडीए की कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है, लेकिन अभी बिहार में नई सरकार के गठन पर कोई फैसला नहीं हुआ है. बैठक के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा, 15 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे एनडीए के सभी विधायकों की सयुंक्त बैठक बुलाई जाएगी. एनडीए का विधायक मंडल ही नई बिहार सरकार के गठन पर फैसला करेगा. विधायक अपना नेता चुनेंगे और नई सरकार की रूपरेखा तय करेंगे.


वहीं नीतीश कुमार आज शाम 4 बजे बिहार कैबिनेट की आखिरी बैठक करेंगे, जिसमें वह मौजूदा विधानसभा भंग किए जाने की सिफारिश कर देंगे. ये एक प्रक्रिया होती है, जिसका पालन किया जाएगा. इसके बाद अगली सरकार बनने की तैयारी शुरू हो जाएगी.


नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही होगा नई कैबिनेट का गठन
बिहार में नई सरकार गठन का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही होना है. अगर पिछले कार्यकाल के मंत्रियों की बात करें तो उन्हें फिर से मौका दिया गया तो 8 विभागों में नए मंत्रियों को अवसर मिल सकता है. क्योंकि बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव में नीतीश कुमार कैबिनेट के 8 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है. इन मंत्रियों के चुनाव में हार जाने के बाद कुल आठ मंत्री पद रिक्त पड़े हैं अब ये बात भले हीं थोड़ी पेचीदी होगी कि किस विभाग का मंत्री कौन होगा या फिर किसे फिर से वापस वही मंत्रालय मिलेगा. बहरहाल अब मंत्रीपरिषद के गठन के बाद इन तमाम अटकलों पर विराम लगेगा लेकिन इतना तो साफ है कि इन अठ पदों के लिए नए चेहरों को नए मंत्रिमंडल में जगह जरुर मिलेगी.


चुने गए 60% से ज्यादा नेताओं पर चल रहे आपराधिक मुकदमे
बिहार विधानसभा चुनाव में चुने गए विधायकों में कम से कम 68 फीसदी ऐसे नेता हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं और इनमें से आधे से ज्यादा के खिलाफ तो हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसे संगीन केस है. जी हां, चुने गए इन विधायकों के आंकड़े जरूर डराने वाले हैं.


आरजेडी के 74 में से 44 विधायकों (73 फीसदी) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो किसी अन्य दलों की तुलना में सबसे ज्यादा है. बीजेपी के चुने गए 73 विधायकों में 47 (64 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले हैं. इसी तरह, जेडीयू के चुने गए 43 विधायकों में से 20 के खिलाफ आपराधिक केस चल रहे हैं. कांग्रेस के चुने गए 19 विधायकों में से 10 के खिलाफ मामले चल रहे हैं. सीपीआई-एमएल के चुने ए 12 विधायकों में से 8 के खिलाफ मामले चल रहे हैं, जबकि एआईएमआईएम के विजेता पाचों उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले चलने की बात बताई है.


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