पटना: बिहार सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिपण्णी करने वाले यूज़र्स पर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है. हालांकि, विपक्ष इस फैसले को सरकार का तनाशाह रवैया बताते हुए लगातार सीएम नीतीश पर निशाना साध रही है. शुक्रवार को जब सरकार का यह आदेश सामने आया तो हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव ने सीएम नीतीश पर हमला बोला था.


तेज प्रताप की ट्वीट पर पलटवार


तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर लिखा था , " पलटूराम को 'पलटूराम' कहना भी अपराध के श्रेणी में आएगा..?" उसके इसी ट्वीट पर जेडीयू नेता और प्रवक्ता निखिल मंडल ने पलटवार किया है. निखिल मंडल ने तेज प्रताप की ट्वीट पर चुटकी लेते हुए कहा, " पता नहीं जी कौन सा नशा करता है..??"





क्या है बिहार सरकार का नया आदेश


दरअसल, सोशल मीडिया पर नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काऊ टिपण्णी करने का प्रचलन बढ़ने के बाद बिहार सरकार ने यह ने ये फैसला लिया है कि सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ टिपण्णी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. यहां तक कि उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है.


इस बाबत आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू ने बिहार सरकार के सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिखकर ऐसे किसी पोस्ट की शिकायत करने को कहा है.


आईटी एक्ट के तहत की जाएगी कार्रवाई


बिहार सरकार की ओर से जारी नए आदेश के मुताबिक प्रतिष्ठा हनन या छवि धूमिल करने के आरोप में ऐसा करने वाले लोगों के विरूद्ध आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और जांच की जाएगी. साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए राज्य में ईओयू को नोडल एजेंसी बनाया गया है. साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच में वह स्थानीय पुलिस को भी सहयोग देती है. चूंकि भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट साइबर क्राइम की श्रेणी में आएगा, लिहाजा ईओयू की ओर से यह पत्र लिखा गया है.


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