पटना: बिहार सरकार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. कोरोना मरीजों को सुविधा देने के लिए सरकार एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है. इसी क्रम में शुक्रवार को सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने पटना स्थित आईजीआईएमएस में कोरोना मरीजों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है. अब इस अस्पताल में इलाज कराने वाले कोरोना मरीजों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी. 


तेजस्वी ने अधूरी जानकारी देने का लगाया आरोप 


हालांकि, मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है. उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर कहा, " मुख्यमंत्री जी, अधूरी जानकारी मत परोसिए. यह भी बताइए कि मात्र 100 बेड यानि केवल 100 मरीजों के लिए ही यह कथित सुविधा उपलब्ध है. अगर संभव है तो संपूर्ण जानकारी के साथ लिखित आदेश की कॉपी भी सार्वजनिक की जाए ताकि लोगों को सूचना ग्रहण करने में किसी प्रकार की कोई भी असुविधा ना हो." 


 






गौरतलब है कि बिहार में 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने की घोषणा करने के बाद सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने ये एलान किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, " इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) पटना में सभी कोविड-19 के मरीजों का इलाज मुफ़्त में किया जाएगा. चिकित्सीय सेवाओं और दवाओं पर हुए खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी." 


वेंटिलेटर क्रियाशील करने का दिया है निर्देश


इसके साथ ही उन्होंने बिहार के सभी जिलों के अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर को शीघ्र क्रियाशील करने का निर्देश दिया है. यह कार्य सरकारी प्रयास अथवा निजी क्षेत्र की संयुक्त भागीदारी से सुनिश्चित किया जा सकेगा.


बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पटना के आईजीआईएमएस को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाया गया है, जहां फिलहाल 100 बेड की व्यवस्था है. मरीजों को सुविधा पहुंचाने के लिए लगातार वहां बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है. आईजीआईएमएस में बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ही अस्पताल के कैंसर केअर यूनिट आईजीआईसी में कोरोना वार्ड बनाया गया है, जहां मरीजों का इलाज किया जा रहा है.


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