लोकनायक जयप्रकाश की जयंती पर मांझी ने CM नीतीश से की मांग, कहा- जेपी क्रांति गैलरी का कराया जाए निर्माण
जेपी जयंती के अवसर पर चरखा समिति पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेपी को याद करते हुए कहा, " हमारा सौभाग्य है लोकनायक जय प्रकाश नारायण हमें स्नेह देते थे, मानते थे."
पटना: लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Jayprakash Narayan) की आज जयंती है. स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जयप्रकाश को उनकी जयंती पर देश भर में याद किया जा रहा है. कई जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. बिहार में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जननायक की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान नीतीश कैबिनेट के मंत्री समेत अन्य नेता मौजूद रहे. इधर, जेपी की जयंती पर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने सीएम नीतीश से बड़ी मांग की है.
जेपी क्रांति गैलरी का निर्माण कराया जाए
मांझी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, " लोकतंत्र के प्रहरी, भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि जेपी की बातों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पटना के अंतराष्ट्रीय म्यूजियम में “जेपी क्रांति गैलरी” का निर्माण कराया जाए, जिससे छात्र नौजवान 1974 के दौर को समझ पाएं."
लोकतंत्र के प्रहरी,भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर मा.मुख्यमंत्री .@NitishKumar जी से आग्रह है कि जे.पी के बातों को जन-जन तक पहुचाने के लिए पटना के अंतराष्ट्रीय म्यूजियम में “जेपी क्रांति गैलरी” का निर्माण कराया जाए जिससे छात्र नौजवान 1974 के दौर को समझ पाएं।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) October 11, 2021
मुख्यमंत्री जेपी को लेकर काफी संवेदनशील
बता दें कि जेपी द्वारा किए गए कार्यों की बिहार में हमेशा से चर्चा होती रही है. सीएम नीतीश समेत अन्य पार्टियां जेपी को अपना आदर्श मानती हैं. बिहार बोर्ड के बारहवीं कक्षा के हिंदी की पुस्तक में संपूर्ण क्रांति नाम से एक पाठ जोड़ा गया है, जिसमें लोकनायक के संघर्ष का जिक्र किया गया है. मुख्यमंत्री भारतरत्न जेपी को लेकर शुरू से ही काफी संवेदनशील रहे हैं. ऐसे में अब देखना है कि मांझी की मांग पर वो क्या संज्ञान लेते हैं.
बता दें कि जेपी जयंती के अवसर पर चरखा समिति पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेपी को याद करते हुए कहा, " हमारा सौभाग्य है लोकनायक जय प्रकाश नारायण हमें स्नेह देते थे, मानते थे. हम अक्सर उनसे यहां आकर मिलते थे. उनके जो विचार हैं, उन्होंने जिस प्रकार नेतृत्व किया उससे हमलोगों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिला. आज हमलोग उसी के आधार पर काम कर रहे हैं."
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