(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राजनीति में आने के सवाल पर DGP गुप्तेश्वर पांडे ने पूछा - क्या राजनीति में जाना है पाप ?
डीजीपी ने कहा कि क्या रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाना पाप है? कदाचार है? या गलत है? राजनीति के कारण ही कार्यपालिका है, विधायिका है.
कैमूर: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे रविवार को कैमूर पहुंचे, जहां उन्होंने एसपी डीएसपी के साथ चुनाव के मद्देनजर विधि व्यवस्था का जायजा लिया. साथ ही मां मुंडेश्वरी धाम परिसर में पहुंचकर बाहर से ही मां मुंडेश्वरी का दर्शन और पूजन किया क्योंकि कोरोना काल की वजह से मां मुंडेश्वरी का मंदिर आज तक बंद है.
क्या राजनीति में जाना पाप है ?
मीडिया ने जब उनसे रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाने के बारे में पूछा तो डीजीपी ने कहा कि क्या रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाना पाप है? कदाचार है? या गलत है? राजनीति के कारण ही कार्यपालिका है, विधायिका है. बिहार में पूरी तरह शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव होंगे.
विधि-व्यवस्था की समीक्षा की
इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बताया विधि व्यवस्था का समीक्षा करने के लिए आया था. चुनावी मौसम है इसलिए सभी जिले में मैं घूम रहा हूं. यहां आकर विधि व्यवस्था का समीक्षा किया. एसपी और डीआईजी के साथ मीटिंग की और अब वापस लौट रहा हूं.
सुशांत सिंह राजपूत मामले में कही यह बात
सुशांत सिंह राजपूत के मौत मामले उन्होंने कहा कि सुशांत बिहार का बेटा था. बहुत रहस्मय ढंग से उसकी मौत हुई. मौत होने के बाद उसकी जांच हुई, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला और उसको आत्महत्या का मामला घोषित कर दिया गया. 14 जून की घटना 21 जून तक पूरी तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
इधर अभिनेता के बूढ़े पिता एक डेढ़ महीने के बाद हमारे पास आए और बोला कि इसमें बहुत बड़ी साजिश है, जिसके कई लोग जिम्मेवार हैं. फिर उन्होंने पूरी कहानी बताई. उनके बताए हुए स्टेटमेंट के आधार पर बिहार में मुकदमा दर्ज किया गया और फिर बिहार की टीम मुंबई गई. मुंबई जाने पर बिहार के टीम के साथ क्या-क्या हुआ सबको पता है.
उन्होंने कहा, " मुंबई की पुलिस रही थी कि आपको केस करने का अधिकार नहीं है और ना ही अनुसंधान करने का अधिकार है आप वापस जाइए. अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. मैंने उनको वापस बुला लिया. हमारी सरकार मामले को सीबीआई जांच के लिए भारत सरकार के पास भेजती है. सीबीआई ने जांच शुरू की, तब रिया चक्रवर्ती सर्वोच्च न्यायालय गईं और उनका पक्ष आया कि सीबीआई और बिहार पुलिस मामले की तहकीकात नहीं करें. उनको मुंबई पुलिस पर ज्यादा विश्वास था."
डीजीपी ने बताया, " सर्वोच्च न्यायालय ने हम लोगों के पक्ष में फैसला किया और सीबीआई को केस ट्रांसफर कर दिया. उसके बाद ही यह ड्रग रैकेट का मामला आया. हमने केस नहीं किया होता तो कौन जानता कि रिया का इतना बड़ा ड्रग्स से कनेक्शन है. बॉलीवुड का ड्रग्स से कनेक्शन है. अगर बिहार पुलिस मामले को नहीं उठाती तो कैसे ड्रग्स का मामला सामने आता."
उन्होंने कहा कि अभी तो बहुत कुछ देखने को मिलेगा यह तो शुरुआत है. मैंने सबको कहा मैंने क्या गलत किया है. सर्वोच्च न्यायालय ने भी हमारे केस करने की बात को सही माना. हमारे सभी पहलुओं को उन्होंने सही ठहराया. हमारे सारे स्टैंड पर सर्वोच्च न्यायालय का मुहर लग गया.
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