Waqf Board Bill: वक्फ एक्ट संशोधन बिल गुरुवार (08 अगस्त) को लोकसभा में पेश होने के बाद इस पर प्रतिक्रियायाओं का दौर जारी है. विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. हालांकि सत्ता पक्ष के नेता बार-बार यह कह रहे हैं कि यह बिल मुस्लिम विरोधी नहीं है. ऐसे में बिहार में एनडीए सरकार में शामिल मुस्लिम नेताओं की इस पर क्या कहना है वो समझिए. बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) और मुस्लिम समुदाय से आने वाली जेडीयू की प्रवक्ता अंजुम आरा (Anjum Ara) ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.


शाहनवाज हुसैन ने प्रतिक्रिया देते हुए बड़ी बात कही. उन्होंने कहा, "वक्फ कानून के अंदर पहले भी बहुत संशोधन हुए हैं. सरकार अभी वक्फ के हित में संशोधन कर रही है. समाज के हर वर्ग को शामिल कर रही है. इसमें वक्फ के जो अधिकार हैं कानून दायरे से बाहर हो गए थे, उसे कानून के दायरे में लाया जा रहा है. इस पर जो हंगामा बरपा जा रहा है ये गलत है. मोदी सरकार की नीयत है कि वक्फ के नाम पर जो लूट हो रही है उसको बंद किया जाए." 


'इस बिल का विरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण'


वहीं दूसरी ओर वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर जेडीयू की प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि इस बिल का विरोध करना तो दुर्भाग्यपूर्ण है. अंजुम आरा ने कहा कि आज लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया गया जिसको हमारी पार्टी ने समर्थन किया है. मेरा कहना है कि हमारे पूर्वजों ने अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड को दान क्यों किया था? इसी दिन के लिए कि समाज में जो गरीब तबके के लोग हैं, जो वंचित लोग हैं उनका विकास हो सके. उनका उत्थान हो सके. इसी को पूरा करने के लिए यह संशोधन बिल है. 


अंजुम आरा ने कहा कि विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है. राजनीतिक रोटी सेंक रहा है. विपक्ष को चाहिए था कि इस बिल का समर्थन करे. अगर विपक्ष को इस बिल में सुझाव देने की बात थी तो वह सुझाव देते कि इसको और बेहतर ढंग से किया जाए. यह होता तो निश्चित तौर पर हमारी सरकार उनकी बातों को सुनती, लेकिन इस बिल का विरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण है.


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