पटना: केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाओं के बीच एलजेपी में टूट की खबर आने से देश की सियासत गरमा गई है. केंद्र के साथ ही बिहार के सियासी गलियारों में भी तरह-तरह की चर्चाएं तैरने लगीं हैं. बिहार एनडीए में खटपट और लालू के जेल से बाहर आने के बाद राजनीतिक समीकरण बदलने के कयासों के बीच एलजेपी में बड़ी टूट की खबर ने सबको चौंका दिया है. सभी दल के नेता इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. 


नीतीश कुमार को बताया जिम्मेदार


एक तरफ विपक्ष की पार्टियों ने जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टूट का जिम्मेदार बताया है. वहीं, सत्ताधारी दल के नेता चिराग को जिम्मेदार बताते हुए ये कह रहे हैं कि ये तो होना ही था. बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही पार्टी नेताओं के बीच शीर्ष नेतृत्व के प्रति असंतोष की भावना थी. 


आरजेडी विधायक और नेता शक्ति सिंह ने एलजेपी में टूट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस तरह से लोग दूसरों के घरों में आग लगाने की कोशिश करते हैं, उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि आग की लपटे उनके घरों को भी राख कर सकती हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेडीयू प्रलोभन देने वाली पार्टी है, धनबल का प्रयोग कर वो छोटी पार्टियों को तोड़ती है. इस पार्टी के नेताओं को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. ये जो आरसीपी टैक्स लेते हैं, वो इन्हीं सब कामों में खर्च होता है. अब चिराग पासवान से ही पूछना होगा कि वो आगे क्या करने वाले हैं.


दलबदलुओं की जमात है जेडीयू


इधर, कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि एलजेपी में टूट के पीछे जेडीयू का हाथ है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस टूट में जेडीयू के नेता शामिल हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते उन्होंने हुए कहा कि वो पार्टियों को तोड़ने में क्यों लगे रहते हैं? जेडीयू दलबदलुओं की जमात बन गई है. उन्होंने इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक भ्रष्टाचार बताया है. 


हम प्रवक्ता ने कही ये बात


लोक जनशक्ति पार्टी में हुई टूट पर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन है. यह तो होना ही था. पार्टी में जिस तरह से चिराग पासवान तानाशाही रवैया अपना रहे थे, टूट तय था. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ अनाप शनाप बोलने वाले और उन्हें जेल भेजने का दावा करने वाले चिराग पासवान के पास अब कुछ भी नहीं बचा है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान अकेले निर्णय ले रहे थे. चिराग ने महागठबंधन को फ़ायदा पहुंचाया था, उस समय से सभी सांसद उनसे नाराज़ थे. अब उचित समय पर इनलोगों ने ये फ़ैसला लिया है.


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