पटना: राज्य में कोरोना और बाढ़ की भयावह स्थिति को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को सीएम नीतीश पर जमकर निशाना साधा. तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक लाइव के माध्यम सीएम नीतीश को घेरा है. फेसबुक लाइव के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि "बिहार कोरोना और बाढ़ को लेकर दोहरी मार झेल रहा है. लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 130 दिन से भी ज्यादा से सोए हुए हैं. इनदिनों सोशल मीडिया में कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो मरीजों के परिजनों ने बनाया है. बिहार की स्थिति नाजुक है, सरकार को समय-समय पर सलाह दिया है पर सरकार इसपर गौर नहीं करती हैं."
सरकार को बाढ़ की चिंता नहीं
तेजस्वी ने कहा कि सरकार और एनडीए के लोग वर्चुअल रैली करते हैं. लेकिन उन्हें लोगों की जान और बाढ़ की चिंता नहीं है. लोग कोरोना संक्रमण से मर रहे हैं लाशों का ढेर लगा हुआ है, लेकिन उन्हें इसकी चिंता नहीं है. सरकार की तरफ से कोई उन्हें देखने तक नहीं जा रहा है. बिहार सरकार पूरी तरह से भगवान भरोसे है. हम राज्य में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की लगातार मांग करते रहे हैं. लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है."
उन्होंने कहा कि "बिहार की आबादी 12 से 13 करोड़ है और अबतक जो टेस्ट हुए हैं वो पूरे बिहार के जनसंख्या का केवल 0.35 फीसदी ही है. प्रति दस लाख आबादी को लेकर देखा जाए तो दस लाख लोगों में केवल 3508 लोगों का ही जांच हो रहा है. ऐसे स्थिति में हम कोरोना से कैसे लड़ेंगे. राज्य में बदइंतजामी है. डॉक्टर तक को पीपीई किट उपलब्ध नहीं है. आज पटना के सिविल सर्जन भी पॉजिटिव हुए हैं. फिर समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर में डॉक्टरों की मौत हुई है. बड़ी संख्या में डॉक्टर से लेकर मंत्री अधिकारी, जनप्रतिनिधि भी संक्रमित हुए हैं.
नीतीश कुमार के चेहरे पर धूल है
वहीं स्वस्थ्य विभाग के प्राधन सचिव के बदले जाने पर तेजस्वी ने कहा कि "नीतीश कुमार के चेहरे पर धूल है और वो बार-बार आईना बदल रहे हैं." मेरा कहना है कि उनके वजह से पूरे बिहार में कुव्यवस्था फैली. आज जो स्थिति है उसको नीतीश कुमार ने बद से बदत्तर बना दिया. बिहार पहला राज्य है जहां विपदा के घड़ी में नीतीश कुमार ने तीसरा स्वास्थ्य विभाग के सचिव को बदला है. कोरोना के लड़ाई में बार-बार कप्तान बदलने से स्थिति बिगड़ सकती है. मंगल पांडे को टिकटोक से समय नहीं है, चमकी बुखार के समय क्रिकेट में व्यस्त थे, चार महीने में एकबार एनएमसीएच गए हैं, वो भी विपक्ष के लगातार दबाव के कारण.
सरकार नहीं खर्च कर रही पैसा
तेजस्वी ने कहा कि केंद्र से तीन सदस्यीय टीम यहां आई थी. उनके सर्वेक्षण रिपोर्ट में यहां के हॉस्पिटल की वास्तविकता दिखी है कि किस तरह अस्पताल के कॉरिडोर में जहां-तहां लाशें पड़ी हैं, बेड पर लाश पड़ी है और पेसेंट के अटेंडेंट बेचैनी में अंदर बाहर कर रहे है. कोई डॉक्टर कोविड मरीज के समीप नहीं जाना चाहता, सारा सिस्टम ध्वस्त है. बिहार सरकार कोविड से लड़ने के लिए पैसा ही नहीं खर्च कर रही है. लेकिन पैसा खर्च का दावा करते हैं तो इसमे पूरा भ्र्ष्टाचार हुआ है, रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि जमीनी स्तर पर कोई पैसा खर्च नहीं किया जा रहा. तो सवाल उठ रहा है कि ये पैसे जा कहां रहा है? बिहार तो रैपिड एंटीजन किट्स तक नहीं खरीद रही है.
स्वास्थ्य के मामले बिहार फिसड्डी
बिहार में रिक्वायरमेंट चार लाख किट की है पर सरकार खरीद नहीं रही. यहां इनके पास 12 करोड़ की आबादी में मात्र 20 हजार टेस्टिंग किट की उपलब्धता ही है. इस मामले को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. नीति आयोग के रिपोर्ट में भी बिहार सबसे फिसड्डी राज्य है स्वास्थ्य मामले में, डॉक्टरों की कमी है, कर्मचारियों की कमी है. हमने सवाल खड़े किए पर सरकार के पास कोई जवाब नहीं है. आज सेंट्रल कमिटी की टीम ये बातें कह रही हैं कि इन्होंने चार हजार डॉक्टरों के नियुक्ति की फाइल और छह हजार नर्सिंग स्टॉफ की फाइल सेक्रेटरी और मंत्रियों के टेबल पर ही घूम रही है, उनकी नियुक्ति नहीं की जा रही, जिस वजह से बिहार ऐसी स्थिति झेल रहा है.
बाढ़ को दे रहे निमंत्रण
तेजस्वी ने कहा कि "बाढ़ नियंत्रण के बजाय, बाढ़ को यहां निमंत्रण दिया जा रहा है. पुल-पुलिया टूट रहे और जब हम कहते थे तो ये मानते नहीं थे. अब गोपालगंज के ही बीजेपी विधायक ने साफ तौर पर नीतीश कुमार और उनके मंत्री पर यह आरोप लगाया है कि जेडीयू के भ्रष्टाचार के कारण यह स्थिति उतपन्न हुई है. बाढ़ की स्थिति भयावह है, सरकार लोगो को बचाने में असमर्थ है. उनके न रहने की व्यवस्था है न खाने की, प्राथमिक उपचार से लेकर पशुओं के चारा की भी व्यवस्था नहीं है. सरकार से हमारी मांग है कि उनके खाते में बीस हजार रुपए तत्काल भेजे, सरकार को आंकड़े बताने चाहिए कि कितने लोग प्रभावित हुए हैं."
3 अगस्त से विधानसभा सत्र चलने वाला है और इसमें विपक्ष ज्यादातर सवाल आपदा और स्वास्थ्य को लेकर खड़े करती. वैसे में बड़ी चालाकी से मुख्यमंत्री ने इस सेशन से स्वास्थ्य विभाग और आपदा विभाग को हटा दिया है, यानी इन विभागों से जुड़े कोई भी सवाल विपक्ष खड़े नहीं कर सकता, जो तारांकित और अल्पसूचित प्रश्न होते हैं उसे विपक्ष नहीं पूछ सकता. नीतीश कुमार ने लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म किया है, वो बस अपना मुंह चमकाने में लगे हैं.
सुशांत सिंह राजपूत के मामले में उन्होंने कहा कि वो केवल बिहार के ही नहीं पूरे देश के यूथ आइकन थे और सभी उनकी मृत्यु से आहत हैं. किसी को ये बात हजम नहीं हो रहा कि वो सुसाइड कर सकते हैं, आरजेडी पहली ऐसी पार्टी है, जिसने सबसे पहले सीबीआई जांच की मांग की थी. हम खुद उनके पिता और बहन से मिले और हमने पूरी सहयोग की बात कही थी. हमने कहा था कि हमारी पार्टी आपके साथ खड़ी है, इसमें हम कोई राजनीति नहीं करना चाहते. हमने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
हमने राजगीर में बन रहे फिल्म सिटी को सुशांत सिंह राजपूत के नाम किया जाए इसका अनुरोध किया था. लेकिन मुख्यमंत्री के तरफ से अबतक उस पत्र का कोई जवाब नहीं आया. मैं बस इतना जानना चाहता हूं कि वो इस बात से सहमत हैं या नहीं. बेहद दुख की बात है जिस बिहार के बेटे ने बिहार का नाम रौशन किया उनके परिजनों से मुख्यमंत्री ने अबतक मिलना भी मुनासिब नहीं समझा. ये दिखाता है कि इंसानियत और मानवता के लिए उनके क्या वैल्यू है. हमने पहले ही सीबीआई जांच की मांग की है. शेखर सुमन के साथ हमारी प्रेस कांफ्रेंस भी हुईं थी, जहां सभी बातें रखी गई थी और हम चाहते हैं कि निष्पक्ष जांच हो ताकि जल्द से जल्द उनके परिवार को न्याय मिले और जो दोषी है उन्हें सजा मिले.