पटना: विपक्षी पार्टियों की बैठक (Opposition Meeting in Patna) को लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. बीजेपी (BJP) और महागठबंधन इस मुद्दे पर आमने-सामने है. वहीं, इसको लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बुधवार को बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के लगभग सभी बड़े नेता पटना आ रहे हैं और पटना से ही जेपी आंदोलन की शुरूआत हुई और पटना से ही हमेशा बदलाव देखने को मिला है. बिहार ने ही 'ऑपरेशन लोटस' पर लगाम लगाने का काम किया.
बीजेपी के खिलाफ बनेगी रणनीति
बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने के वास्ते शुक्रवार को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है. पटना में बिहार के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होगी. वहीं. इसको लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. आगामी बैठक में प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार पर चर्चा नहीं होगी. इसमें लोकसभा चुनाव से पहले काम करने के लिए पार्टियों के लिए साझा एजेंडा तय करने पर फोकस रहेगा.
ये होंगे शामिल
इसमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के अलावा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राकांपा नेता शरद पवार, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने भाग लेने के लिए अपनी सहमति जता दी है. वहीं, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महबूबा मुफ्ती, ओमर अब्दुल्लाह सहित कई नेता 22 जून को ही पटना आ जाएंगे. इसकी तैयारी पटना में अभी से शुरू हो गई है.
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