Opposition Meeting in Patna:लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को लेकर पटना में शुक्रवार को बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस समेत कई दलों ने हिस्सा लिया. विपक्षी दलों की बैठक में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ क्या साझा उम्मीदवार उतारने पर कोई चर्चा हुई? जब यह सवाल नीतीश के खास मंत्री जमा खान से पूछा गया तो वह जवाब नहीं दे पाए. इससे यही लग रहा कि विपक्षी दलों की बैठक में चर्चा इन मुद्दों पर नहीं हुई.
सीएम नीतीश कुमार के खास माने जाने वाले बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि पहली बार विपक्षी दलों की इतनी बड़ी महाबैठक हुई है. नीतीश के कहने पर सब आए. अभी यह तय हुआ है कि विपक्ष एकजुट होकर लड़ेगा. नीतीश के यूपीए संयोजक बनने के सवाल पर कहा कि उनकी बड़ी भूमिका विपक्ष की ओर से रहेगी. वही विपक्ष को एकजुट कर रहे हैं.
शिवानंद तिवारी ने भी दी प्रतिक्रिया
वहीं विपक्षी दलों की पटना में हुई बैठक पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल का किसी ने नोटिस नहीं लिया. अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी में फ़र्क क्या रहा है? उन्होंने कहा कि आप भी उसी तरह से तानाशाही चला रहे हैं कि हमारा जो कहना है, उसे पहले लीजिए.नरेंद्र मोदी वाला वही अंदाज़ था उनका इसीलिए सब लोगों ने उनका नोटिस नहीं लिया.
विपक्ष के कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक शुक्रवार को हुई जिसमें वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी चुनौती देने के मकसद से एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति पर मंथन किया गया.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस बैठक की मेजबानी की. यह बैठक मुख्यमंत्री आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर हुई.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और विपक्ष के कई अन्य नेता इस बैठक में पहुंचे.