Opposition Parties Meeting: पटना में किस लग्न और नक्षत्र में हुई विपक्षी बैठक? ज्योतिषाचार्य ने बता दिया शुभ रहा या अशुभ
Bihar Politics: 23 जून को हुई बैठक के बारे में नेताओं ने अपनी ओर से तो अच्छा बताया लेकिन जानिए कि ज्योतिष के अनुसार यह कैसा रहा. एबीपी न्यूज़ ने ज्योतिषाचार्य से बात की है.
पटना: राजधानी पटना में 23 जून को मुख्यमंत्री आवास पर विपक्षी एकता की बैठक हुई. इस बैठक में करीब 15 से अधिक दलों के नेता शामिल हुए. इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री तो कुछ पूर्व मुख्यमंत्री भी थे. 11 बजे से चार बजे के बीच हुए इस कार्यक्रम के बाद सभी नेताओं ने कहा कि शुरुआती बैठक अच्छी रही. अगली बैठक शिमला में होगी. नेताओं ने अपनी ओर से तो पहली बैठक को अच्छा बताया लेकिन ज्योतिष के अनुसार यह कैसा रहा? पटना के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित रविंद्र तिवारी ने इसको लेकर एबीपी न्यूज़ से शनिवार (24 जून) को बातचीत की है.
ज्योतिषाचार्य पंडित रविंद्र तिवारी के अनुसार विपक्षी एकता की बैठक न तो अधिक शुभकारी है और न ही बहुत ज्यादा हानिकारक, लेकिन जिस समय में बैठक हुई है वह योग ठीक नहीं है. बैठक के दौरान चलने वाले योग के अनुसार काम बनते-बनते रुकने की संभावना है.
विपक्षी एकता की बैठक पर ज्योतिषाचार्य ने क्या कहा?
रविंद्र तिवारी बताते हैं कि शुक्रवार को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी थी. वैसे तो यह दिन लाभकारी माना जाता है परंतु शुक्रवार को विपक्षी एकता की बैठक करीब सुबह 11:30 से शाम 4:00 बजे तक हुई है और जितनी देर यह कार्यक्रम चला उस समय गुरु चांडाल योग था. गुरु राहु के एक साथ प्रवेश से गुरु चांडाल योग बनता है. गुरु चांडाल योग लाभकारी नहीं माना जाता है. रविंद्र नाथ तिवारी के अनुसार इस योग में किया गया कोई भी कार्य शुरू में तो लगता है कि काम हो गया, लेकिन अंत में काम होते-होते बिगड़ जाता है.
बताया कि शुक्रवार को सुबह 11:28 पर कन्या लग्न ने प्रवेश किया. दोपहर 1:41 पर यह लग्न समाप्त हुआ. 1:42 से 3:58 तक तुला लग्न विराजमान रहा. विपक्षी एकता की बैठक हुई है परंतु दोनों लग्नों में गुरु और राहु रहा. उन्होंने कहा कि कन्या लग्न में सामान्य स्थिति बनी रहेगी, लेकिन गुरु कन्या लग्न में है. वहीं तुला लग्न में राहु है. यही कारण है संयोग बढ़िया नहीं बन रहा है.
पंडित रविंद्र तिवारी के अनुसार कन्या लग्न में गुरु अष्टम बैठा है और राहु सप्तम में है. इस कारण भी अच्छा संयोग नहीं दिख रहा है. कन्या में मंगल और पंचम शनि है जिसके कारण मुहूर्त बढ़िया होते हुए भी थोड़ी सी त्रुटि हो गई है. कन्या अष्टम स्थान पर है जो आयु के लिए शुभ होता है, जबकि तुला सप्तम में है जो व्यवसाय के लिए शुभ होता है लेकिन राजनीति के लिए यह दोनों कोई ठीक नहीं है.