Bihar News: भारत नेपाल सीमावर्ती थाना छौड़ादानो की पुलिस ने एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का शनिवार को खुलासा किया है. रक्सौल अनुमंडल पदाधिकारी के नेर्तत्व में छौड़ादानो की पुलिस ने 5 संदिग्धों के पास से सघन जांच के दौरान 11 मोबाइल बरामद किया. वहीं, मोबाइल की जांच में करोड़ों रुपए से अधिक की लेन-देन की बात सामने आई है. साथ ही पुलिस की आईटी सेल मोबाइल की जांच कर पाकिस्तान कनेक्शन के संबंध में भी तहकीकात कर रही है. वहीं, इस मामले में एसपी ने शनिवार को जानकारी दी.


पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी


मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्र ने प्रेस वार्ता की. इस प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि भारत-नेपाल सीमावर्ती इलाके में छौड़ादानो की पुलिस ने संदिग्ध 5 लोगों की तालशी ली तो 11 मोबाइल और एक लैपटॉप मिला. जिसके बाद मोबाइल की जांच में करोड़ों से ज्यादा की लेन देन के साक्ष्य मिले. साथ ही पुलिस पाकिस्तान से कनेक्शन की भी जांच की जा रही है. सभी गिरफ्तार युवक साइबर फ्रॉड का काम करते हैं.


वहीं, गिरफ्तार साइबर अपराधी में छौरादानो थाना क्षेत्र के रहने वाले भुसन राम के रूप में पहचान हुई है जिस पर कई मामले पहले भी दर्ज हैं. इसके अलावे बंजरिया थाना क्षेत्र के समीर आलम, वसीम अख्तर, मोहम्मद असगर और दरपा थाना क्षेत्र के हैदर अली शामिल है.


भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र बना साइबर फ्रॉडों का अड्डा!


वहीं, स्थानीय लोगों के अनुसार तो भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में वर्षो से साइबर फ्रॉड को अंजाम देने के लिए एक बड़ा गिरोह सक्रिय है. बड़े बड़े उद्योगपति के बैंक खाता पर इनका नजर रहता है. ये लोग बैंक खाता से भोले-भाले लोगों के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर निकासी करवाते हैं. वहीं, निकासी के बदले भोले भाले लोगों से फ्रॉड के पैसे में से थोड़ा कमीशन देते हैं. यह गिरोह गांव के गरीब, लाचार महिला एवं युवा को पैसा कमवाने की लालच देकर बैक खाता में फ्रॉड कर पैसा मंगावते हैं. ऐसे ही मामले में विगत वर्ष में छौड़ादानो की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर एक युवक को जेल भेजा था.


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