जहानाबाद: बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार की शाम को बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा (Former BJP MLA Chittaranjan Sharma) के सगे भाई शंभू शर्मा और गौतम शर्मा को गोलियों से छलनी कर दिया गया. इस घटना में दोनों की मौत हो गई है. इसके महज 35 दिनों के अंदर पूर्व विधायक के चार परिजनों को मौत के घाट उतार दिया गया है. विगत 26 अप्रैल के चितरंजन के चाचा अभिराम शर्मा की जहानाबाद और भतीजे दिनेश शर्मा को मसौढ़ी में मौत के घाट उतार दिया गया था.


इधर, दो दिन पहले संजय शर्मा के रिश्तेदार सुधीर शर्मा का नीमा गांव की रेल पटरी पर शव मिला था और संजय सिंह ग्रुप ने इसे हत्या बताते हुए चितरंजन शर्मा ग्रुप पर हत्या का आरोप लगाया था. अब तक नीमा गांव में इस गैंगवार के कारण नौ लोगों की जान जा चुकी है. आज की घटना को सुधीर की मौत का बदला बताया जा रहा है. वहीं, पांडव सेना से जुड़े लोगों के आपसी गैंगवार में अभी और लाशें गिरने के प्रबल आसार है.


अब तक पूर्व विधायक के चार परिजनों की हो चुकी है हत्या


बिहार का जहानाबाद और पटना जिले का मसौढ़ी 26 अप्रैल मंगलवार की सुबह दोहरे हत्या से दहल उठा था. शहर के नामचीन स्वीट्स कारोबारी अभिराम शर्मा और उनके भतीजे दिनेश शर्मा को अपराधियों ने गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया. अभिराम शर्मा को अपराधियों ने जहानाबाद स्थित उनके आवास पर गोली मारी थी, जबकि भतीजे को मसौढ़ी गांधी मैदान गेट के समीप गोलियों से छलनी कर दिया था.


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शादी का कार्ड देने के बहाने अभिराम को मारी थी गोली


जहानाबाद में अभिराम शर्मा के हत्यारों की तस्वीरे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. सबसे हैरान करने वाली बात है कि जहानाबाद में जिस जगह पर स्वीट्स एवं जमीन कारोबारी को गोली मारी गई थी उससे चंद कदम के फासले पर जिले के डीएम और एसपी का आवास है. हत्यारों ने घटना को बड़े सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था. घर की प्रत्यक्षदर्शी महिला सदस्य ने बताया कि दो अपराधी शादी का कार्ड देने के बहाने कमरे आए और सिर में गोली मारकर चलते बने.


नीमा गांव के 5 दोस्तों ने बनाई थी पांडव सेना


दरअसल, 1995 के आसपास पटना जिले के धनरूआ थाना के नीमा गांव के पांच दोस्त चितरंजन, बब्लू, संजय सिंह, अशोक और विपिन ने मिलकर पांडव सेना बनाई और इसके बाद ताबड़तोड़ हत्या की घटना को अंजाम दिया. रंगदारी, हत्या और अपहरण सहित कई संगीन वारदातों से जहानाबाद, पटना सहित कई जिलों को थर्रा दिया था. जहानाबाद में लगभग एक दर्जन हत्याओ को अंजाम दिया था. बाद में गिरोह में फुट पड़ गई और चितरंजन और संजय अलग हो गए.


आज दो भाईयों को किया छलनी


चितरंजन ने राजनीति में कदम रखा और अरवल से 2015 में विधायक बन गए. संजय ने भी लोजपा के टिकट पर पालीगंज से चुनाव लड़ा, पर सफलता हाथ नहीं लगी. इसके चंद दिनों बाद पांडव सेना के बबलू और अशोक सिंह की हत्या गढ़वा में कर दी गई. 26 अप्रैल 2020 को नदवा स्टेशन पर संजय सिंह को तीन गोली मारी गई, परंतु वह बच गया. हमले का आरोप चितरंजन शर्मा पर लगा और इसके प्रतिशोध में 26 अप्रैल 2022 को चितरंजन के चाचा अभिराम और भतीजे दिनेश की हत्या कर दी और आज दो भाईयों को छलनी कर दिया गया.


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