गोपालगंज: फिल्म निर्माता और एक्टर ने एक दूसरे को कानूनी नोटिस दिया है. हथुआ के सिंगहा गांव के रहने वाले कमलेश मिश्र और बरौली के बेलसंड गांव के रहने वाले एक्टर पंकज त्रिपाठी में फिल्म को लेकर विवाद हुआ है. 2015 में आजमगढ़ फिल्म की शूटिंग हुई थी. फिल्म 2019 में सेंसर बोर्ड से पास हुई. उसके बाद 2023 में मुंबई में फिल्म का होर्डिंग लगा. इसके बाद ये सारा विवाद सामने आया है.


पोस्टर जारी होने के बाद पंकज त्रिपाठी ने इसका विरोध जताया है. इसके साथ ही कमलेश मिश्र को नोटिस दे दिया. पंकज त्रिपाठी का कहना है कि इस फिल्म के रिलीज के बारे में उन्हें पता ही नहीं है. यह शॉर्ट फिल्म है और इसके लिए उन्होंने सिर्फ तीन दिन ही शूटिंग की, लेकिन फिल्म के निर्माता ने उनके नाम पर ऐसा पोस्टर लगाया है जैसे कोई बड़ी फिल्म है और उनका बड़ा रोल है. उनकी तस्वीर लगाकर फिल्म को भुनाने की कोशिश की जा रही.



फिल्म निर्माता ने कहा- काम मांगने आए थे पंकज


पंकज त्रिपाठी को भी फिल्म के प्रोड्यूसर की ओर से नोटिस भेजा गया है. कमलेश मिश्र का कहना है कि 2011 में आजमगढ़ की स्क्रिप्ट सुन कर बिना पैसे का शूटिंग करने पंकज त्रिपाठी आए थे. वह जब 2007 में मुंबई में एक फिल्म कर रहे थे 'परिंदे' तो उन दिनों पकंज त्रिपाठी स्ट्रगल कर रहे थे. उनके पास काम मांगने आए थे तो उन्होंने कास्ट कर लिया.


कमलेश मिश्र ने कहा कि फिल्म में कास्ट करने के बाद बातों बातों में चला कि वो उनके ही जिले गोपालगंज से हैं. उनके दादाजी हमारे हिंदी के प्रोफेसर रहे हैं. 'परिंदे' तो किसी कारण नहीं बनी, लेकिन मित्रता बनी रही. साल 2011 आया. उन्होंने पंकज त्रिपाठी को एक स्क्रिप्ट सुनाई. उन्हें रोल अच्छा लगा. उसमें अशरफ अली का किरदार इतना अच्छा लगा कि उन्होंने बिना एक पैसा लिए उस किरदार को करने की इच्छा जाहिर की.



तीन दिन की शूटिंग के बाद नहीं दी तारीख


पंकज त्रिपाठी के बारे में आगे कमलेश मिश्र ने कहा कि उन्हें रोल पूरा करने के लिए चार दिन का समय चाहिए था. अक्टूबर 2011 में दिल्ली, गाजियाबाद और देहरादून में हमने उनके हिस्से की तीन दिन की शूटिंग कर ली. चौथा दिन मुंबई में बाद में होना तय हुआ. उसके बाद पंकज त्रिपाठी की कुछ फिल्में आने लगीं. वे चर्चित होने लगे. दो तीन सालों तक वे चौथे दिन का शूट टालते रहे. तारीख नहीं दी. दिसंबर 2015 में उन्हें अप्रोच किया कि डबिंग कर दीजिए लेकिन उसके लिए भी डेट पर डेट देने लगे. फाइनली 2018 में उन्होंने डबिंग से मना कर दिया क्योंकि हमारे बीच कोई औपचारिक एग्रीमेंट नहीं था.


फिल्म निर्माता ने कहा कि आपसी प्रेम व्यवहार में काम हुआ था इसलिए पंकज पर उन्होंने कोई दबाव नहीं बनाया. उनकी आवाज का सिंक साउंड यानि जो सेट पर रिकॉर्ड हुआ था फिल्म में वही रहने दिया. दिसंबर 2019 में मैंने फिल्म का सेंसर करा लिया और अभी फरवरी में मैंने उसका मालिकाना हक टैग प्रोडक्शन जिनका एक ओटीटी प्लेटफॉर्म है मास्क टीवी को ट्रांसफर कर दिया.


यह भी पढ़ें- Bihar News: आमने-सामने सरकार और विपक्ष, बीजेपी की मांग- बिहार विधानसभा से तमिलनाडु भेजा जाए एक प्रतिनिधिमंडल