Pappu Dev: कोसी का कुख्यात 'डॉन' पप्पू देव की कहानी, जिसकी मौत पर बिहार में मचा है घमासान, अपराधियों को अब सताने लगी डर
पुलिस को चकमा देकर फरार होने में माहिर पप्पू देव 80 के दशक में ही कोसी का डॉन बन गया था. जिसके बाद से उस इलाके में पप्पू देव की नारे लगने लगे थे.
पटना: बिहार में जुर्म की दुनिया का राजा बनना नब्बे के दशक में आम बात थी. हर गांव में एक न एक बाहुबलियों का गुर्गा जरूर रहता था. जिससे जिले भर में उनकी धौंस बरकरार रहे. कोसी के क्षेत्रों में आतंक का पर्याय रहे कुख्यात, बाहुबली पप्पू देव का नाम भी कुछ इसी तरीके का है. 80 के दशक में सहरसा, सुपौल, पूर्णिया के इलाकों में पप्पू देव का सिक्का खूब चलता था. इन इलाकों में पप्पू के मर्जी के खिलाफ पता भी नहीं हिलता था. कहा जाता है. इस इलाके के बाहुबली भी पप्पू देव के मर्जी से चलते थे. लेकिन अब पप्पू देव की मौत हो गई है.
पुलिस तलाश करती रही, चकमा देकर फरार हो जाता था
पप्पू देव के खिलाफ कई संगीन वारदात के मामले दर्ज हैं. ये कई दशकों से अपराध की दुनिया में इस तरह से सक्रिय था कि थाने में इसके खिलाफ दर्ज धाराओं से अंदाजा लगाया जा सकता है. इसका खौफ सरकारी दफ्तरों में भी खूब चलता था. साथ इसने कई बड़े वारदातों को भी अंजाम दिया था. पुलिस ने पप्पू देव को पकड़ने के लिए कई बार पुरजोर कोशिश की, छापेमारी की लेकिन वो चकमा देकर फरार हो जाता था. इस बार भी उसने ऐसा ही किया लेकिन कामयाब नहीं हुआ. वो स्थानीय पुलिस की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था. पुलिस काफी समय से उसकी तलाश कर रही थी.
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हथियार के बल पर जमीन कब्जा करने में माहिर था
दरअसल, बीते दिनों कुख्यात पप्पू देव और उसके साथी हथियारों के बल पर सदर थाना क्षेत्र के सराही मोहल्ले में जबरन जमीन पर कब्जा कर रहे थे. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस तीन लोगों को हथियार और गोली के साथ गिरफ्तार कर लिया. जबकि कुछ बदमाश फरार हो गए. गिरफ्तार बदमाशों ने पुलिस को बताया कि इसमें पप्पू देव भी शामिल था. जिसके बाद पुलिस ने बिहरा थाना क्षेत्र के बिहरा गांव में पप्पू देव के घर पर दबिश दी और वहां से भी दो लोगों को गिरफ्तार किया.
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पुलिस के मुताबिक हार्ट अटैक से हुई है कुख्यात की मौत
पुलिस का कहना है कि वो मुठभेड़ के दौरान भाग रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. मौके पर ही उसे हार्ट अटैक आ गया. जिसके बाद पुलिस अस्पताल ले गई, जहां उसकी मौत हो गई. मुठभेड़ के वक्त उसके कई साथी भी थे. हालांकि, लोगों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में पप्पू देव की मौत सामान्य घटना नहीं है, परिजनों के मुताबिक पुलिस के टॉर्चर से ही पप्पू देव की मौत हुई है. इसके लिए पुलिस जिम्मेदार है.