पटना: बिहार में अवैध बालू के खनन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन इन दिनों काफी सख्ती बरत रहा है. वैसे ट्रकों पर पुलिस की विशेष नजर है, जिस पर बालू लदे होते हैं. राज्य में नया नियम-कानून लागू होने के बाद से कार्रवाई का सिलसिला जारी है. बालू माफियाओं से सांठगांठ रखने वाले पुलिस जवानों और अधिकारियों पर भी गाज गिर रही है. पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि, बालू माफियाओं के खेल अब भी जारी है. वो अब भी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं.


'इतना सन्नाटा क्यों है भाई?'


इसी मुद्दे पर जेल में बंद जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, " बिहार में दो एसपी और कई पुलिस पदाधिकारी बालू माफिया को संरक्षण देने में सस्पेंड हो चुके हैं. लेकिन न बालू माफिया पकड़ा गया, न उसका काला धन जब्त हुआ. न बालू से तेल निकाल लाल होने वाले राजनेताओं पर हाथ डाला गया. सब मिलकर लूट रहे हैं, सब खामोश हैं. इतना सन्नाटा क्यों है भाई!"


 





दो आईपीएस पर गिरी गाज

बता दें कि बिहार खनिज नियमावली 2019 में संशोधन के बाद पुलिस बालू माफियाओं के खिलाफ और ज्यादा सख्ती बरत रही है. साथ ही पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर रही है. बीते दिनों बिहार सरकार ने बालू के अवैध खनन मामले में दो आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार पोरिका व राकेश दुबे और 16 पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया था. खनन विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार पर भी कार्रवाई की गई थी. वहीं दो खनन पदाधिकारियों की सेवा सहकारिता विभाग को वापस करते हुए उन्हें निलंबित किए जाने की अनुशंसा की गई है. इसके अतिरिक्त कई अन्य पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.


मालूम बिहार में अवैध खनन पर नकेल कसने के लिए कैबिनेट ने नई नियमावली बनाई है. बिहार खनिज नियमावली 2019 में संशोधन को बिहार कैबिनेट ने मंजूरी दी है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद नई नियमावली राज्य में लागू हो गई है. सरकार ने अवैध खनन पर 25 गुना तक जुर्माना बढ़ाया है. साथ ही अवैध खनन में लिप्त वाहनों और नावों को जब्त करने का भी फैसला लिया है.


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