एक्सप्लोरर

Bihar Bahubali: पप्पू यादव के नाम से कांप उठते थे लोग, आज बने हैं बिहार के 'रॉबिनबुड', जानिए कैसे आए थे लालू के काम

Pappu Yadav Bihar Bahubali: पप्पू यादव 1990 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे. सीमांचल में लोग उनका नाम लेने से भी डरते थे. आज मसीबा बनकर घूम रहे हैं.

पटना: बिहार में जब भी बाहुबलियों की बात होती है तो एक-दो नहीं बल्कि कई नाम सामने आते हैं. इन्हीं में से एक नाम जाप सुप्रीमो पप्पू यादव का है. आज लोगों के लिए मसीहा हैं तो कभी बाहुबली हुआ करते थे. ऐसे-ऐसे काम किए कि जेल तक जाना पड़ा. 17 साल तक उन्होंने जेल में समय बिताया है. आज बिहार के बाहुबली की कहानी में बात पप्पू यादव की करेंगे.

पप्पू यादव का जन्म मधेपुरा जिले में 1967 में हुआ था. 1990 में निर्दलीय विधायक चुनकर आए थे. वह दौर पप्पू यादव के लिए बहुत खास था. पप्पू यादव का भय सीमांचल में इस कदर था कि लोग उनका नाम लेने से भी डरते थे. 17 साल जेल में बिताने वाले पप्पू यादव की पहचान बाहुबली नेता के रूप में हुई. उन पर हत्या, किडनैपिंग, मारपीट, बूथ कैपचरिंग, आर्म्स एक्ट जैसे कई मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हुए हैं लेकिन पप्पू यादव को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अजीत सरकार की हत्या के मामले में 17 साल जेल में रहना पड़ा था.

Bihar Bahubali: पप्पू यादव के नाम से कांप उठते थे लोग, आज बने हैं बिहार के 'रॉबिनबुड', जानिए कैसे आए थे लालू के काम

घटना 1998 की है. माकपा नेता अजीत सरकार, उनके एक साथी असफुल्ला खान और ड्राइवर पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. इस घटना में तीनों की हत्या हुई थी. इसमें पप्पू यादव का नाम आया था. उस वक्त पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट से सांसद हुआ करते थे. इस घटना में नाम आने के बाद उनकी राजनीतिक करियर पर विराम लगा और वे जेल चले गए. इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में केस चल चलता रहा. लंबे समय तक वे जेल में रहे. उम्र कैद की सजा भी उन्हें मिली थी. 2008 में उन पर हत्या का आरोप साबित हो गया. सीबीआई की विशेष अदालत में पप्पू यादव राजन तिवारी और अनिल यादव को उम्र कैद की सजा सुनाई. सजा मिलते हैं उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी. उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया था. कई सालों तक वे जेल में ही बंद रहे. 

हाई कोर्ट से मिली थी राहत

पप्पू यादव ने फैसले के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में अपील की थी. इसके बाद 2013 में जाकर कोर्ट से उन्हें राहत मिली. सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया था. जेल से लौटने के बाद पप्पू यादव अपनी छवि बनाने में लग गए. आज लोगों के मसीहा बन गए हैं. कोई घटना होती है तो आवाज उठाते हैं. पीड़ितों से जाकर मिलते हैं. 2019 में जब पटना में तेज बारिश से बाढ़ आई थी और राजधानी जलमग्न हुआ तो पप्पू यादव ने नाव के सहारे लोगों को खाना-पानी दिया था.

Bihar Bahubali: पप्पू यादव के नाम से कांप उठते थे लोग, आज बने हैं बिहार के 'रॉबिनबुड', जानिए कैसे आए थे लालू के काम

कैसे दिया था लालू का साथ?

पप्पू यादव एक जमींदार परिवार से आते हैं. उनके पास जमीन और संपत्ति की कमी नहीं थी. कॉलेज में जाने के बाद पप्पू यादव की पहचान दबंग के रूप में हो रही थी. उनकी दबंगई के चर्चे सीमांचल के कई जिलों में थे. बात 1980 के बाद की है. उसी वक्त लालू प्रसाद यादव भी अपनी राजनीतिक करियर चमकाने में लगे हुए थे. उस वक्त कॉलेज से निकलने के बाद पप्पू यादव ने लालू यादव का साथ दिया था और पप्पू यादव की दबंगई लालू यादव के काम आई थी. उस वक्त पप्पू यादव पर लालू यादव के लिए बूथ कैपचरिंग या फिर मत पेटियों को चुरा लेने का आरोप लगता था.

पप्पू यादव और आनंद मोहन में अक्सर होती थी वर्चस्व की लड़ाई

विधायक बनने के बाद पप्पू यादव का लक्ष्य लोकसभा था. यही कारण है कि उनकी दबंगई खत्म नहीं हुई और अगड़ी-पिछड़ी की लड़ाई करते रहे. आनंद मोहन सिंह मुख्य विरोधी थे. दोनों के बीच कई बार वर्चस्व की लड़ाई हुई. 1990 में कितनी जान भी गई थी. जानकार बताते हैं कि सहरसा के पामा में पप्पू यादव के समर्थक और आनंद मोहन के समर्थकों के बीच जमकर गोलियां चली थीं. कई लोगों की जानें गईं.

दूसरी घटना पूर्णिया के भांगड़ा में हुई थी. यहां भी कई लोग मारे गए थे. हालांकि उस वक्त दोनों वर्चस्व की लड़ाई लड़ते थे. पप्पू यादव पिछड़ा की राजनीति और यादव समाज को एकजुट करने के लिए वोट की राजनीति कर रहे थे तो आनंद मोहन अगड़ी जाति के नेता के रूप में उभर रहे थे.

एक बार विधानसभा और 5 बार लोकसभा गए पप्पू यादव

1990 में विधायक बनने के बाद पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे. पहली बार 1991 में पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत हासिल की. इसके बाद 1996 और 1999 में भी वह पूर्णिया से ही निर्दलीय सांसद बने. 2004 में लालू प्रसाद यादव ने उन्हें मधेपुरा से आरजेडी का टिकट दिया और वह चौथी बार जीते. 2008 में उन पर हत्या का आरोप साबित हो गया तो उनकी सदस्यता रद्द हो गई. 2013 में पटना हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद पप्पू यादव फिर पांचवी बार 2014 में आरजेडी के टिकट से मधेपुरा से चुनाव लड़े और पांचवीं बार जीते.

2015 में तेजस्वी यादव की बयानबाजी के बाद वह खफा हो गए और आरजेडी से दूरी बनाकर अपनी 'जन अधिकार पार्टी' बनाई. 2019 में उन्होंने अपनी पार्टी से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 2013 में जेल से आने के बाद से ही पप्पू यादव का रुख बदल चुका था.

पप्पू यादव से पूछा गया कि 23 साल की उम्र में कैसे विधायक बन गए तो उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि वे पहली बार 1990 में विधायक बने. उनका जन्म 24 दिसंबर 1967 को हुआ था. उस वक्त एफिडेविट पर नामांकन हो जाता था. हो सकता है सर्टिफिकेट पर उम्र 25 साल बता रहा हो.

यह भी पढ़ें- Bihar Politics: 'महागठबंधन बनने के बाद से फिर हो रही रेड', ED की छापेमारी पर तेजस्वी यादव का केंद्र पर बड़ा आरोप

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

President Speech: 'संविधान पर सबसे बड़ा प्रहार', अभिभाषण के दौरान आपातकाल पर क्या-क्या बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू
'संविधान पर सबसे बड़ा प्रहार', अभिभाषण के दौरान आपातकाल पर क्या-क्या बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू
अखिलेश के साथ साये की दिख रहे अवधेश, कभी यही करीबी पड़ गई थी भारी, जानें- पूरी कहानी
अखिलेश के साथ साये की दिख रहे अवधेश, कभी यही करीबी पड़ गई थी भारी, जानें- पूरी कहानी
Healthy Food: घर पर बनाएं ये बिना तेल का स्वादिष्ट नाश्ता, सेहत के लिए भी है फायदेमंद
घर पर बनाएं ये बिना तेल का स्वादिष्ट नाश्ता, सेहत के लिए भी है फायदेमंद
Paper Leak: NEET-NET पेपर लीक पर अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कही बड़ी बात, बोलीं- सुनिए, सुनिए, तभी विपक्ष करने लगा हंगामा
NEET-NET पेपर लीक पर अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कही बड़ी बात, बोलीं- सुनिए, सुनिए, तभी विपक्ष करने लगा हंगामा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Paper Leak को लेकर President Murmu के बयान पर कांग्रेस क्या बोली, देखिएParliament Session: इन बड़े मुद्दों पर क्यों नहीं दिखी 'INDIA' की एकजुटता, वरिष्ठ पत्रकारों ने बतायाIPO Alert: Divine Power Energy Limited IPO में निवेश से पहले जाने Company की Details | Paisa LiveKejriwal की गिरफ्तारी के खिलाफ AAP ने किया राष्ट्रपति अभिभाषण का बहिष्कार, समर्थन में उद्धव गुट

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
President Speech: 'संविधान पर सबसे बड़ा प्रहार', अभिभाषण के दौरान आपातकाल पर क्या-क्या बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू
'संविधान पर सबसे बड़ा प्रहार', अभिभाषण के दौरान आपातकाल पर क्या-क्या बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू
अखिलेश के साथ साये की दिख रहे अवधेश, कभी यही करीबी पड़ गई थी भारी, जानें- पूरी कहानी
अखिलेश के साथ साये की दिख रहे अवधेश, कभी यही करीबी पड़ गई थी भारी, जानें- पूरी कहानी
Healthy Food: घर पर बनाएं ये बिना तेल का स्वादिष्ट नाश्ता, सेहत के लिए भी है फायदेमंद
घर पर बनाएं ये बिना तेल का स्वादिष्ट नाश्ता, सेहत के लिए भी है फायदेमंद
Paper Leak: NEET-NET पेपर लीक पर अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कही बड़ी बात, बोलीं- सुनिए, सुनिए, तभी विपक्ष करने लगा हंगामा
NEET-NET पेपर लीक पर अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कही बड़ी बात, बोलीं- सुनिए, सुनिए, तभी विपक्ष करने लगा हंगामा
Kalki 2898 AD Box Office Day 1: पहले दिन की धुंआधार कमाई से टूटेंगे कई रिकॉर्ड, जानें कल्कि का ओपनिंग डे कलेक्शन
पहले दिन की धुंआधार कमाई से टूटेंगे कई रिकॉर्ड, जानें कल्कि का ओपनिंग डे कलेक्शन
SA vs AFG Semi Final: उदास चेहरे और नम आंखें, सेमीफाइनल की हार ने तोड़ा दिल, अफगान ड्रेसिंग रूम में मातम
उदास चेहरे, नम आंखें; सेमीफाइनल की हार के बाद अफगान ड्रेसिंग रूम में मातम
Nepal Landslide : नेपाल में लैंडस्लाइड और भारी बारिश का कहर, 14 लोगों की मौत, कई लापता
नेपाल में लैंडस्लाइड और भारी बारिश का कहर, 14 लोगों की मौत, कई लापता
पिछले कार्यकाल में ओम बिरला की कई गड़बड़ियों के कारण स्पीकर पद को चुनाव तक ले गया विपक्ष
पिछले कार्यकाल में ओम बिरला की कई गड़बड़ियों के कारण स्पीकर पद को चुनाव तक ले गया विपक्ष
Embed widget