Pappu Yadav Lok Sabha Elections: जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कराने के बाद पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बना लिया. मन ही नहीं बनाया बल्कि सीधे शब्दों में कई बार कहा कि पूर्णिया उनकी मां है. जान दे देंगे लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे. एक तरफ पप्पू यादव इस तरह की बड़ी-बड़ी बातें कह रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर आरजेडी ने कांग्रेस की एक बात सुने बिना अपने प्रत्याशी बीमा भारती को इस सीट से टिकट दे दिया. अब सवाल है कि आखिर पप्पू यादव क्या करेंगे? क्या वह अलग किसी सीट पर जाने के लिए मान जाएंगे या फिर अलग राह अपनाएंगे?


सबसे पहले यह समझ लीजिए कि पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जाप (जन अधिकार पार्टी) का विलय कांग्रेस में भले दिल्ली में कर दिया, लेकिन यह अभी पूरा नहीं हुआ है. अभी जाप और कांग्रेस के विलय की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में कांग्रेस और जाप का मिलन अभी आधा-अधूरा ही कहा जा सकता है.


अपनी पार्टी से भी चुनाव लड़ सकते हैं पप्पू यादव


दरअसल लालू यादव की पार्टी बिना सीट शेयरिंग के ही प्रत्याशियों को सिंबल दे रही है. बिहार के पहले चरण में चार सीटों पर चुनाव होना है और इन चारों सीटों पर आरजेडी के ही प्रत्याशी हैं. कांग्रेस औरंगाबाद सीट मांग रही थी लेकिन बात नहीं बनी. पूर्णिया से जब आरजेडी ने प्रत्याशी को सिंबल दे दिया तो कांग्रेस के साथ-साथ पप्पू यादव को भी बड़ा झटका लग गया. अब सवाल है कि पप्पू यादव क्या करेंगे? ऐसा कहा जा रहा है कि वह अपनी पार्टी (जाप) से भी चुनाव लड़ सकते हैं. अभी भी उनकी पार्टी का विलय कांग्रेस में पूरा नहीं हुआ है.


पप्पू यादव ले सकते हैं बड़ा फैसला


जानकारों का कहना है कि पूर्व सांसद पप्पू असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के सहारे पूर्णिया में ताल ठोक सकते हैं. हालांकि पप्पू यादव अभी वेट एंड वाच (इंतजार) की स्थिति में हैं. आज गुरुवार को महागठबंधन में सीट शेयरिंग की औपचारिक घोषणा हो सकती है. ऐसे में घोषणा के बाद पप्पू यादव भी बड़ा फैसला ले सकते हैं.


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