पटना: 32 साल पुराने अपहरण मामले में गिरफ्तार किए गए जाप सुप्रीमो पप्पू यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. मंगलवार की सुबह मधेपुरा सेशन कोर्ट में पूर्व सांसद की जमानत याचिका पर सुनवाई की गई. इस दौरान घंटों कशमकश की स्थिति बनी रही. बीच में ऐसी खबर आई की जमानत याचिका स्वीकार कर ली गई है. काफी देर तक जश्न का दौर चला. हालांकि, अंततः पप्पू यादव को मधेपुरा सेशन कोर्ट से जमानत नहीं मिल सकी है. 


पप्पू यादव ने साजिश की कही बात


इस बात से एक ओर जहां पप्पू यादव के समर्थक निराश हो गए हैं. वहीं, पप्पू यादव खुद काफी खफा हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, " मुझे देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा है. उम्मीद है कि न्याय अवश्य मिलेगा. हम आगे जाएंगे, जल्द आपके बीच आएंगे. पर न जाने क्यूं एक फर्जी मुकदमे में मुझे कैद कर रखने की एक बड़ी साजिश चल रही है. हम तो सेवा की सियासत करते हैं, इससे भयभीत कौन है?"


 






बता दें कि 11 मई को पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना की पुलिस ने पप्पू यादव को उनके बुद्धा कॉलोनी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था. लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई थी. हालांकि, उसी दिन शाम में बिहार पुलिस की टीम मधेपुरा जिले से पटना पहुंची और 32 साल पुराने मामले में उन्हें गिरफ्तार कर मधेपुरा लेकर चली गई. कोर्ट में वर्चुअल पेशी के बाद उन्हें सुपौल के वीरपुर जेल भेज दिया गया. 


हालांकि, वीरपुर जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद पप्पू यादव को इलाज के लिए डीएमसीएच भेज दिया गया है. फिलहाल वो डीएमसीएच में इलाजरत हैं. बीच में उन्हें पटना लाने की चर्चा चल रही थी. लेकिन पप्पू यादव ने खुद पटना आने से इंकार कर दिया.


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