पटनाः जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव को 32 साल पुराने किडनैपिंग केस के मामले में पटना हाई कोर्ट में आज शनिवार को सुनवाई है. इस मामले में आज पप्पू यादव को बेल मिल सकती है. पप्पू यादव पर वर्ष 1989 के दौरान मुरलीगंज थाना में राम कुमार यादव और उमाशंकर यादव के अपहरण किए जाने का मामला दर्ज करवाया गया था. इस मामले में पटना पुलिस ने पप्पू यादव को गिरफ्तार कर मधेपुरा पुलिस को सौंपा था.


हालांकि कुछ ही दिनों पहले बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में जिला अदालत ने पप्पू यादव को जमानत दे दी थी. जमानत के साथ ही अदालत ने पप्पू यादव को हिदायत दी थी कि आगे से ऐसा कार्य नहीं करेंगे. पप्पू यादव के अधिवक्ता पांडेय संजय सहाय ने बताया कि पप्पू पर गर्दनीबाग इलाके में बिना अनुमति के प्रदर्शन करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप था. इस संबंध में गर्दनीबाग थाने में मामला दर्ज किया गया था.


पटना से गिरफ्तार कर भेजा गया था वीरपुर जेल


बता दें कि 11 मई को पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना की पुलिस ने पप्पू यादव को उनके बुद्धा कॉलोनी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था. लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई थी. हालांकि, उसी दिन शाम में बिहार पुलिस की टीम मधेपुरा जिले से पटना पहुंची और 32 साल पुराने मामले में उन्हें गिरफ्तार कर मधेपुरा लेकर चली गई. कोर्ट में वर्चुअल पेशी के बाद उन्हें सुपौल के वीरपुर जेल भेज दिया गया.


हालांकि, वीरपुर जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद पप्पू यादव को इलाज के लिए डीएमसीएच भेज दिया गया है. बीच में उन्हें पटना लाने की चर्चा चल रही थी. लेकिन पप्पू यादव ने खुद पटना आने से इनकार कर दिया.


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