पटना: कोरोना काल में 32 साल पुराने अपहरण मामले में हिरासत में लिए जाने के बाद जाप सुप्रीमो पप्पू यादव बिहार पुलिस की कार्यशैली से खफा हैं. लॉकडाउन उल्लंघन मामले में पटना स्थित आवास से डीटेन किए जाने के बाद अपहरण मामले में हिरासत में लिए जाने का पप्पू यादव लगातार विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को फिर एक बार बिहार पुलिस पर उनका गुस्सा फूटा है. उन्होंने ट्वीट कर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है.
कहां सोई थी पटना पुलिस?
पप्पू यादव ने ट्वीट कर लिखा, " आखिर किसको मुझ से डर है,कौन मुझे जेल में कैद रखने की साजिश रच रहा है?32 साल पुराने मामले के बाद अब ढाई साल पहले के जनांदोलन के मामले में पटना पुलिस की नींद टूटी. 2019 में बेटियों के रेप के खिलाफ आंदोलन के मामले में अब प्रोडक्शन वारंट लिया है. इतने दिन से कहां सोई थी पटना पुलिस?"
इससे पहले उन्होंने जेल में एक महीने पूरे होने पर ट्वीट कर सरकार को घेरा था. उन्होंने कहा था, "जेल गए एक महीने एक दिन हो गए. आखिर मेरा कसूर क्या है? बस इतना कि सब हैं मुर्दादिल हुक्मरान. मैं हूं एक सेवक, बस एक जिंदादिल इंसान." दरसअल, पप्पू यादव ने साल 2019 में देश भर में बेटियों के साथ हो रहे रेप के विरोध में पप्पू यादव ने जनांदोलन किया था. अब इसी मामले में प्रोडक्शन वारंट जारी किया है, जिसपर पप्पू यादव ने नाराजगी जाहिर की है.
तबीयत खराब होने की वजह से भेजा डीएमसीएच
बता दें कि 11 मई को पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना की पुलिस ने पप्पू यादव को उनके बुद्धा कॉलोनी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था. लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई थी. हालांकि, उसी दिन शाम में बिहार पुलिस की टीम मधेपुरा जिले से पटना पहुंची और 32 साल पुराने मामले में उन्हें गिरफ्तार कर मधेपुरा लेकर चली गई. कोर्ट में वर्चुअल पेशी के बाद उन्हें सुपौल के वीरपुर जेल भेज दिया गया.
हालांकि, वीरपुर जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद पप्पू यादव को इलाज के लिए डीएमसीएच भेज दिया गया है. फिलहाल वो डीएमसीएच में इलाजरत हैं. बीच में उन्हें पटना लाने की चर्चा चल रही थी. लेकिन पप्पू यादव ने खुद पटना आने से इंकार कर दिया.
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