पटना: 21 सितंबर को संसद के विशेष सत्र में आरजेडी से राज्यसभा सांसद मनोज झा (MP Manoj Jha) ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की रचित कविता पढ़कर ऐसा लग रहा है कि उन्होंने एक खास वर्ग को नाराज कर दिया है. लगातार अलग-अलग पार्टी के नेताओं की ओर से बयान दिए जा रहे हैं. बिहार में यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आरजेडी विधायक चेतन आनंद (RJD MLA Chetan Anand) ने ट्वीट कर मनोज झा के विचारों का विरोध किया तो अब पप्पू यादव (Pappu Yadav) भी कूद पड़े हैं.
'मोदी व्यवस्था में ठाकुर की जगह पर अडानी हैं'
जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने मनोज झा की पढ़ी हुई कविता का समर्थन किया है. पप्पू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि "राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कुछ गलत नहीं कहा, उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि रचित कविता ठाकुर का कुंआ को अपने भाषण में उद्धृत किया. यह संसाधनों पर एकाधिकार की सामंती व्यवस्था के खिलाफ लिखी रचना है. इसमें किसी जाति पर आक्षेप नहीं है, आज की मोदी व्यवस्था में ठाकुर की जगह पर अडानी हैं. उड़ता तीर लेकर इसे जातिगत अस्मिता से जोड़ना पूरी तरह अनुचित है."
पप्पू यादव के ट्वीट के बाद यूजर्स करने लगे कमेंट
हालांकि पप्पू यादव के ट्वीट के बाद यूजर्स भी काफी गुस्से में दिख रहे हैं. कई यूजर्स ने पप्पू यादव के इस समर्थन का विरोध किया है. कई यूजर्स ने तो पप्पू यादव और लालू यादव के खिलाफ जाति सूचक कविता भी लिखने लगे. एक यूजर ने लिखा, "बहुत बढ़िया इस समर्थन के बाद, I.N.D.I.A अलायंस में स्वागत है, अच्छा आपको तो कोई पूछ ही नहीं रहा है." एक और यूजर ने लिखा, "बहुत छटपटा रहे हैं लेकिन कोई घास दे नहीं रहा है. वैसे आपके लिए लालू जी के पास चारा है निहोरा कीजिए उनसे जुगाड़ लगाएंगे कुछ."
राज्यसभा सांसद मनोज झा पर क्यों भड़के चेतन आनंद?
बता दें कि आरजेडी राज्यसभा सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में 'ठाकुर का कुआं' वाली कविता पढ़ी जिसके बाद सबसे पहले बाहुबली नेता आनंद मोहन के बेटे और आरजेडी के विधायक चेतन आनंद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर विरोध किया था. चेतन आनंद ने लिखा था "हम ठाकुर हैं साहब, सबको साथ लेकर चलते हैं, इतिहास में सबसे अधिक बलिदान हमारा हैं."
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