पटना: अनुदान के बदले वेतनमान की मांग को लेकर बिहार भर के वित्त रहित शिक्षकों ने बुधवार को राजधानी पटना में कारगिल चौक से राजभवन तक कफन मार्च का आयोजन किया. कारगिल चौक से निकले इस मार्च को जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने भी अपना समर्थन दिया. इधर, कोरोना काल में विरोध मार्च की सूचना सुनकर पुलिस पहुंची और शिक्षकों ज्ञान भवन के पास रोक दिया. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई. जिसके बाद सख़्ती बढ़ाते हुए पुलिस ने प्रदेर्शनकारियों को वापस कर दिया.
सभी ने शिक्षकों को ठगा
इधर, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने वित्तरहित कर्मियों की ओर से गांधी मैदान में आयोजित मार्च को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षक देश के निर्माता हैं. लालू प्रसाद यादव से लेकर नीतीश कुमार तक सभी ने शिक्षकों को ठगा हैं. आज देश का निर्माता भूखा है. यह सरकार संवेदनहीन है. मैं वित्तरहित कर्मियों के लिए अनुदान नहीं वेतनमान की मांग करता हूं.
वित्तरहित कर्मियों की हालत खराब
वित्तरहित शिक्षकों की मांगों का समर्थन करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण वित्तरहित शिक्षक सहित सभी वित्तरहित कर्मियों की हालत बहुत ही खराब है. जाप वित्तरहित कर्मियों की सभी मांगों के साथ है और इनके आन्दोलन को हमारा पूरा समर्थन है.
दशकों से बिना मानदेय के कर रहे काम
पप्पू यादव ने कहा कि वित्तरहित शिक्षा नीति के कारण हजारों की संख्या में शिक्षक इसका शिकार बने हैं. दशकों से बिना मानदेय के ये लोग अपनी ड्यूटी पर जा रहे हैं. आलम यह है कि कई वित्तरहित कर्मी ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया है. कई सालों से सरकार इनकी मांगों को कुचलती रही है. सरकार इन्हें बंधुआ मजदूर समझती है.
जारी रखेंगे आंदोलन
पप्पू यादव ने बिहार सरकार से वित्तरहित कर्मियों के लिए वेतनमान की मांग करते हुए कहा कि जबतक सरकार इनकी मांगे नहीं मानती हैं तब तक हमलोग इस आन्दोलन को जारी रखेंगे.