Chirag Paswan: 70वीं बीपीएससी (70th BPSC) के अभ्यर्थी री-एग्जाम (Re-Exam) की मांग को लेकर कई दिनों से पटना में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच बीते रविवार (29 दिसंबर) को उन पर प्रदर्शन के दौरान जबरदस्त तरीके से लाठीचार्ज किया गया. इसको लेकर राजनीति भी हो रही है. सांसद पप्पू यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के बीच लगातार बयानबाजी हो रही है. इन सबके बीच मेन क्रेडिट लेकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान चले गए हैं. 


दरअसल चिराग पासवान ने सोमवार (30 दिसंबर) को अपने एक्स अकाउंट से एक पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा, "बिहार के युवाओं और #BPSC अभ्यर्थियों के मुद्दों को लेकर #NDA सरकार के प्रमुख सहयोगी होने के नाते मैंने बिहार सरकार और माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार की ओर से मुख्य सचिव (जो सरकार के सबसे बड़े अधिकारी होते हैं) ने अभ्यर्थियों और छात्रों के साथ संवाद की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जल्द ही इस पहल के सार्थक परिणाम दिखेंगे. यह हमारी सरकार की सकारात्मक सोच और छात्रों के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है."


सरकार छात्रों की हर संभव मदद के लिए प्रयासरत: चिराग पासवान


चिराग ने आगे लिखा, "मैं अभ्यर्थियों से भी अपील करता हूं कि वे शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीके से अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखें और किसी भी राजनीतिक व्यक्तियों के बहकावे में आने से बचें. यह मुद्दा पूर्ण रूपेण युवाओं के भविष्य और बिहार के विकास से जुड़ा है, जिसे राजनीति से ऊपर रखकर हल किया जाना चाहिए. हमारी पार्टी हर कदम पर युवाओं के साथ खड़ी है. कुछ राजनीतिक व्यक्ति और दल जो छात्रों को भटकाने का काम कर रहें हैं, ये गलत है. अपने राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों का इस्तेमाल करना कतई उचित नहीं है. माननीय मुख्यमंत्री जी स्वयं इस मामले को लेकर सजग हैं, सरकार छात्रों की हर संभव मदद के लिए प्रयासरत है."






'लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल का मैं कभी समर्थक नहीं'


केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने रविवार को अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "कल पटना में हुए छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल का मैं कभी समर्थक नहीं रहा. पुलिस को संयम बरतना चाहिए. छात्र अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हैं तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से समझाकर उनकी समस्याओं के निदान के लिए प्रयास करना चाहिए न कि लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल. मैंने मुख्यमंत्री जी से इस बात को भी कहा है कि ऐसे पुलिस अधिकारी जो ऐसे कार्यों में संलिप्त पाए जाते हैं उन पर भी कानून कार्रवाई की जानी चाहिए."


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