पटना: कोरोना काल में 32 साल पुराने अपहरण मामले में हिरासत में लिए जाने के बाद जाप सुप्रीमो पप्पू यादव सरकार से खफा हैं. लॉकडाउन उल्लंघन मामले में पटना स्थित आवास से डीटेन किए जाने के बाद अपहरण मामले में हिरासत में लिए जाने का पप्पू यादव लगातार विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में गुरुवार को फिर एक बार उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए भावुक ट्वीट किया है.


ट्वीट कर कही ये बात


पुलिस हिरासत में 50 दिन पूरे होने के बाद पप्पू यादव ने ट्वीट कर कहा, ' मेरी गिरफ्तारी के आज 50 दिन हो गए. क्या यह न्याय है या, अन्याय? क्या यह इंसानियत है या, हैवानियत? आखिर मुझे कैद करने से किसका मकसद सिद्ध हो रहा है? किसे बचाने को यह षड्यंत्र रचा गया?"


 




 


इससे पहले उन्होंने जेल में एक महीने पूरे होने पर ट्वीट कर सरकार को घेरा था. उन्होंने कहा था, "जेल गए एक महीने एक दिन हो गए. आखिर मेरा कसूर क्या है? बस इतना कि सब हैं मुर्दा दिल हुक्मरान. मैं हूं एक सेवक, बस एक जिंदादिल इंसान." 


तबीयत खराब होने की वजह से भेजा डीएमसीएच


बता दें कि 11 मई को पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना की पुलिस ने पप्पू यादव को उनके बुद्धा कॉलोनी स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था. लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई थी. हालांकि, उसी दिन शाम में बिहार पुलिस की टीम मधेपुरा जिले से पटना पहुंची और 32 साल पुराने मामले में उन्हें गिरफ्तार कर मधेपुरा लेकर चली गई. कोर्ट में वर्चुअल पेशी के बाद उन्हें सुपौल के वीरपुर जेल भेज दिया गया.



हालांकि, वीरपुर जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद पप्पू यादव को इलाज के लिए डीएमसीएच भेज दिया गया है. फिलहाल वो डीएमसीएच में इलाजरत हैं. बीच में उन्हें पटना लाने की चर्चा चल रही थी. लेकिन पप्पू यादव ने खुद पटना आने से इंकार कर दिया.


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