Delhi Vidhan Sabha Chunav News: दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो चुका है. बिहार की पार्टियां भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं. दिल्ली में करीब 24 फीसद पूर्वांचल के वोटर्स हैं. पूर्वांचल के करीब 40 लाख वोटर्स दिल्ली में कई सीटों पर असर डालते हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या बिहार की पार्टियां दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन बढ़ाने वाली हैं? जेडीयू और एलजेपी रामविलास के साथ उधर आरजेडी भी दिल्ली में लड़ना चाहती है. सवाल यह भी है कि पूर्वांचल के वोटर्स की संख्या अधिक होने के कारण क्या दोनों राष्ट्रीय पार्टियां सहयोगी दलों की अनदेखी कर पाएंगी?
जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश कुमार के चेहरे को जनता देश के स्तर पर पसंद करती है. नीतीश के कारण बीजेपी को हर जगह लाभ होता है. दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहारी वोटर रहते हैं जो नीतीश कुमार की विचारधारा और उनके कामकाज को पसंद करते हैं. दिल्ली चुनाव में जेडीयू की इस बार पहले के मुकाबले मजबूत धमक रहेगी. पिछली बार दो सीट मिली थी. इस बार सीट कितनी होगी यह एनडीए के नेता तय करेंगे, लेकिन इस बार पहले से बेहतर रहेगा. हर पार्टी चाहती है गठबंधन के अंदर उसको ज्यादा सीट मिले.
दिल्ली चुनाव से पहले ही इंडिया गठबंधन बिखरता दिख रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अलग हुए थे उसके बाद ये डूबने लगा था. खुद को बचाने के लिए यह लोग एक नाव पर सवार हो गए थे, लेकिन हर विधानसभा चुनाव में इन लोगों का असली चेहरा दिख रहा है. सब एक दूसरे की पोल खोल रहे हैं.
क्या कांग्रेस से बात करेगी लालू की पार्टी?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मसले पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर हम लोग लड़े थे. चार सीट कांग्रेस ने हम लोगों को दी थी. दिल्ली में सरकार बनाने और बिगाड़ने में पूर्वांचल वोटरों की अहम भूमिका रहती है. दिल्ली में पूर्वांचल के वोटर्स के बीच लालू-तेजस्वी की लोकप्रियता है. हमारा आलाकमान कांग्रेस आलाकमान से क्या बातचीत करेगा, क्या तय होगा, यह बताया जाएगा. आरजेडी जहां भी लड़ती है उसका लाभ गठबंधन को मिलता है. झारखंड में बीजेपी का सफाया हो गया. दिल्ली में बीजेपी का सफाया होगा और उसमें आरजेडी की बड़ी भूमिका होगी. कितनी सीट पर लड़ेंगे, कौन सी सीटें होंगी, ये सब तय होगा.
दिल्ली चुनाव से पहले क्या इंडिया गठबंधन बिखर गया है? ममता बनर्जी की पार्टी बोली बीजेपी को हराए आम आदमी पार्टी, अखिलेश ने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया, आरजेडी का कांग्रेस की ओर झुकाव है. इस पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हर राज्यों की परिस्थितियां अलग हैं. दिल्ली में कांग्रेस व आप अलग-अलग लड़ रही है. राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन एकजुट था व लोकसभा चुनाव बीजेपी के खिलाफ लड़े. बीजेपी के 400 पार नारे की हवा निकाल दी. दिल्ली में बीजेपी की सरकार नहीं आएगी.
उधर एलजेपी रामविलास के प्रवक्ता राजू तिवारी ने कहा कि पूर्वांचल के वोटर्स में चिराग सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. दलित वोट 17 फीसद है जो चिराग के साथ है. इसका लाभ दिल्ली में एनडीए को मिलेगा. पिछली बार हम लोग दिल्ली में एनडीए में एक सीट पर लड़े थे. इस बार कितनी सीट पर लड़ेंगे इस पर बातचीत चल रही है. एक दो दिन में ही फैसला हो जाएगा.
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