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पशुपति पारस बने LJP के अध्यक्ष, राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हुआ फैसला
बुधवार को पशुपति पारस पटना पहुंचे और गुरुवार को बैठक बुलाई गई, जिसमें उन्हें अध्यक्ष चुना गया. हालांकि, बैठक में सांसद प्रिंस राज शामिल नहीं हुए.
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पटना: एलजेपी के दो हिस्सों में बंटने के बाद बीते चार दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच गुरुवार को एलजेपी के बागी गुट के नेता पशुपति पारस को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है. बता दें कि एलजेपी नेता सूरजभान सिंह के घर पर पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई थी, बैठक में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराया गया, जिसमें केवल पशुपति पारस ने नामांकन दाखिल किया. ऐसे में उन्हें निर्विरोध पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया गया. पार्टी नेता सूरजभान सिंह ने पीसी के दौरान इस बात की घोषणा की. इस दौरान बागी गुट के सभी नेता मौजूद रहे.
पार्टी के मालिकाना हक को लेकर है विवाद
बता दें कि चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच पार्टी के मालिकाना हक को लेकर विवाद छिड़ गया है. पांच सांसदों को अपने पाले में करके पशुपति पारस ने पार्टी की कमान अपने हाथों में लेने का मूड बना लिया है. हालांकि, चिराग अपने पोजिशन को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
चुनाव के जरिए चुना गया अध्यक्ष
ऐसे में बुधवार को पशुपति पारस पटना पहुंचे और गुरुवार को बैठक बुलाई गई, जिसमें उन्हें अध्यक्ष चुना गया. हालांकि, बैठक में सांसद प्रिंस राज शामिल नहीं हुए. राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि पशुपति पारस बीते कई महीने से तख्तापलट के फिराक में थे. चिराग ने खुद भी इस बात को स्वीकार किया है. उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस पर धोखा देने का आरोप लगाया है.
इधर, सांसद पशुपति पारस का कहना है कि उन्होंने पार्टी तोड़ी नहीं, बल्कि बचाई है. विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म हो रहा था. ऐसे में रामविलास पासवान की पार्टी और उनके सोच को बचाने के लिए ये फैसला लिया गया है. वहीं, पशुपति गुट में शामिल नेताओं का भी यही कहना है.
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