Pashupati Paras Resign: मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में मंत्री रहे पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट शेयरिंग से नाराज होने के बाद मंगलवार (19 मार्च) को इस्तीफा दे दिया है. इस खबर के साथ ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब पशुपति पारस महागठबंधन के साथ जाएंगे? या फिर उनके पास और कौन-कौन से विकल्प हैं?
खबर है कि पशुपति कुमार पारस आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के संपर्क में हैं. पशुपति कुमार पारस अभी दिल्ली में हैं. आज मंगलवार की शाम वह पटना के लिए निकलने वाले हैं. ऐसे में हो सकता है कि पटना आने के बाद पशुपति कुमार पारस आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी मिलें.
हालांकि आरजेडी से बातचीत पर पशुपति पारस ने खुलकर कुछ भी नहीं कहा है. उन्होंने कहा कि जितना बोलना था, उतना बोल दिया है. भविष्य की राजनीति हम अपनी पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से बैठकर तय करेंगे.
उधर आरजेडी की ओर से पशुपति पारस को साथ आने के लिए ऑफर दिया जा चुका है. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को धोखा दिया है. राजनीति में संभावनाओं के द्वार खुले रहते हैं. कल क्या हो जाएगा कहना मुश्किल है. पहले यह लोग तय करें कि उनको एनडीए में रहना है या नहीं.
क्या होगा पशुपति कुमार पारस की पार्टी का स्टैंड?
सबसे पहले यह समझ लें कि पशुपति पारस की लड़ाई हाजीपुर सीट को लेकर है. इस सीट को लेकर चाचा-भतीजे यानी चिराग पासवान के साथ उनकी लड़ाई है. अब जब एनडीए का साथ पशुपति पारस ने छोड़ दिया है तो सवाल है कि महागठबंधन में वह इसी शर्त पर जाएंगे जब उनके खाते में हाजीपुर सीट दी जाएगी. पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा है कि संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा कि क्या करना है. हालांकि यह बात साफ कहा गया है कि उनकी पार्टी लोकसभा का चुनाव लड़ेगी. कितनी सीटों पर लड़ेगी यह तय नहीं हुआ है.
बता दें कि पशुपति पारस ने कुछ दिनों पहले दिल्ली में दिए बयान में साफ कहा था कि उनके लिए दरवाजे खुले हैं. यह भी कहा था कि जब तक एनडीए की ओर से सीटों की घोषणा नहीं की जाती है वह इंतजार करेंगे. अब संभावना जताई जा रही है कि पशुपति पारस एक-दो दिन में बड़ा एलान कर सकते हैं.
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