सवालों का जवाब नहीं दे पाए पशुपति पारस, प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में ही उठकर गए बाहर
एलजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस मौजूदा समय में दलित सेना अध्यक्ष, संसदीय दल का नेता, राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वहीं, मंत्री पद के लिए दावेदारी पेश करने की फिराक में हैं. जबकि एलजेपी पार्टी संविधान में ये नियम है कि एक व्यक्ति, एक ही पद पर आसीन हो सकता है.
पटना: बिहार की राजधानी पटना में आयोजित एलजेपी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में गुरुवार को पार्टी के बागी गुट के नेता पशुपति पारस को एलजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है. चुनाव के जरिये ये फैसला लिया गया है. फैसले के बाद पार्टी नेता सूरजभान सिंह, पशुपति पारस, बागी सांसद समेत अन्य नेताओं ने पार्टी कार्यालय में पीसी की. पीसी में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सूरजभान सिंह ने पशुपति पारस को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की.
पीसी के दौरान पशुपति पारस ने कही ये बात
पीसी के दौरान पशुपति पारस बाबा भीमराव अंबेडकर, दिवंगत नेता रामविलास पासवान और रामचंद्र पासवान की फ़ोटो पर माल्यार्पण करते दिखे. मालार्पण के बाद वे मीडिया से मुखतीब हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि रामविलास भाई ने सिखाया है कि पुरुष और महिला में झगड़ा हो तो महिला का साथ दें. वहीं, जब अमीर और गरीब में झगड़ा हो तो गरीब का साथ दें.
मीडिया पर खीजे पार्टी अध्यक्ष
हालांकि, इस दौरान जब मीडिया ने ये पूछा कि क्या भाई ये बताकर गए कि चाचा-भतीजे की लड़ाई में किसका साथ दें? तो वे भड़क गए. उन्होंने कहा कि भतीजा तानाशाह हो जाए तो क्या करेंगे? वहीं, जब एबीपी न्यूज ने उनसे एक व्यक्ति एक पद के संबंध में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि दलित सेना दूसरी संस्था है. जिस दिन मंत्री बनूंगा उस दिन संसदीय दल नेता के पद इस्तीफा दे दूंगा. हालांकि, जब अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का सवाल पूछा गया तो वे ये कौन सा सवाल हुआ कहकर उठ गए.
बता दें कि एलजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस मौजूदा समय में दलित सेना अध्यक्ष, संसदीय दल का नेता, राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वहीं, मंत्री पद के लिए दावेदारी पेश करने की फिराक में हैं. जबकि एलजेपी पार्टी संविधान में ये नियम है कि एक व्यक्ति, एक ही पद पर आसीन हो सकता है.
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