पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मंगलवार को विधान परिषद के सदन में जनसंख्या नियंत्रण पर स्पीच देने के दौरान उदाहरण के लिए आपत्तिजनक बातें बोल गए. इसके बाद विपक्ष ने जहां जमकर हंगामा किया. बीजेपी (BJP) लगातार हमला कर रही है. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर सदन में माफी भी मांग ली, लेकिन विपक्ष अभी भी उन्हें इस्तीफे की मांग कर रही है. अब केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ी सलाह दी है. इतना ही नहीं नीतीश कुमार को फिर फिल्मी स्टार दिवंगत राज कपूर की फिल्माए हुए गानों से भी तुलना किया है. पशुपति पारस ने गुरुवार को कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार सदन में महिलाओं के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया है. राज कपूर का फिल्माया हुआ गाना  'बचपन खेल में खोया, जवानी नींद में सोया, बुढ़ापा देख कर रोया' वाली बात चरितार्थ हो रही है .


'आप अविलंब इस्तीफा दे दीजिए'


पशुपति पारस ने कहा कि नीतीश कुमार के मुख से निकले बयान से पूरे देश सहित बिहार का भी नाम बदनाम हुआ है. इसलिए मैं नीतीश कुमार को कहना चाहता हूं कि आप अविलंब इस्तीफा दे दीजिए नहीं तो आप कहीं आगे इससे भी बड़ी गलती कर देंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि आप अपने ही पार्टी के दलित या अतिपिछड़ा लोगों को मुख्यमंत्री की गद्दी सौंप दीजिए यही उनके भविष्य के लिए सबसे अच्छा काम होगा.


नीतीश कुमार पर बरसे पशुपति पारस 


केंद्रीय मंत्री ने नीतीश कुमार के बयानों की निंदा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को उम्र का तकाजा हो गया है. वह मानसिक रूप से बीमार हैं, उनका दिमागी संतुलन बिगड़ गया है. मैं तो कहता हूं कि निश्चित रूप से उनकी दिमागी संतुलन उनके कब्जे में नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के बयान से बिहार ही नहीं पूरा देश शर्मसार हुआ है. देश की आजादी के 75 साल हो गए अभी तक के इतिहास में किसी राजनेता ने ऐसी बात नहीं की होगी. खासकर वह जो मुख्यमंत्री के पद पर आसीन व्यक्ति जब महिलाओं के प्रति इस तरह का बयान करता हो. यह पूरी तरह अशोभनीय है. उन्होंने कहा कि वह सदन में बोल रहे थे, उन्होंने यह भी नहीं देखा कि सदन में सभी पार्टियों के महिलाएं बैठी हुई हैं. महिलाओं को उनकी बातों को सुनकर सदन छोड़कर बाहर निकलना पड़ा. महिलाएं रोने लगी और अब वह दूसरे दिन माफी मांग रहे हैं तो मैं इसकी पुरजोर निंदा करता हूं.


आरक्षण के मुद्दे पर बोले केंद्रीय मंत्री 


आरक्षण का दायरा बढ़ाये जाने को लेकर पारस ने कहा कि मैं राज्य सरकार के इस फैसले से सहमत हूं कि आरक्षण का दायरा अगर 65% किया जा रहा है तो ठीक है मैं स्वागत करता हूं, लेकिन जिस सर्वे के आधार पर फैसला लिया जा रहा है वह सर्वे ही पूरी तरह गलत है. मैं पहले से भी यह कहता रहा हूं कि बिहार सरकार ने जो जातीय आधारित गणना करवाई है. वह पूरी तरह गलत है. कई जगहों पर कई कई पंचायत में उनके कोई अधिकारी नहीं गए हैं. प्रखंड कार्यालय, जिला कार्यालय में बैठकर सर्वे का कागज बनाया गया है, इसलिए पहले सर्वे को सही करना जरूरी है.


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