पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में दो गुट होने के बाद बिहार से लेकर दिल्ली तक सियासत तेज है. रविवार को दिल्ली में चिराग पासवान की ओर से हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर पशुपति कुमार पारस ने कहा कि यह असंवैधानिक है. चिराग ने जो बैठक की उसमें जो भी लोग थे वह भाड़े पर आए थे. इससे 10 गुणा ज्यादा भीड़ पटना में उनकी (पशुपति पारस) मीटिंग के दौरान थी. चिराग के साथ सिर्फ 10 से 12 सदस्य ही होंगे.


पशुपति पारस ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहा, “चिराग पासवान बताएं कि उनके साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कितने सदस्य हैं. चुनाव आयोग के पास जो 2015 की रिपोर्ट है और उसके बाद से जब चिराग राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं तो चुनाव आयोग के पास कोई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट गई ही नहीं है. 17 जून को ही पटना में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हुआ उसमें सिंगल नामांकन हुआ था.  


चिराग पासवान पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन और एलजेपी के सांसद


पशुपति पारस ने कहा कि उन्होंने पहले ही एक निर्देश जारी किया था कि आज (रविवार) की जो बैठक चिराग पासवान ने दिल्ली में की है वह असंवैधानिक है. इस बैठक में जो लोग भी उपस्थित हुए हैं वह स्वतः पार्टी से निष्कासित समझे जाएंगे. चिराग पासवान को पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया गया है. चिराग पासवान पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन और एलजेपी के सांसद हैं.


वहीं, दूसरी ओर अपने अध्यक्ष पद को लेकर पशुपति ने कहा कि यह देश संविधान से चलता है. लोकसभा के अध्यक्ष ने भी यह क्लियर कर दिया है कि देश के संविधान के हिसाब से ही काम होगा. उसके बाद जो अब निर्णय आया उससे साफ है कि पशुपति कुमार पारस को पार्टी (एलजेपी) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है.


पशुपति पारस ने कहा, “कुछ ही दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन दूसरी टीम (चिराग पासवान के नेतृत्व में) में शामिल हुआ है. आज की बैठक में कुछ लोगों ने मेरा समर्थन किया है और 17 जून को लिखित में दिया है. जरूरत पड़ी तो मैं इसे दिखाऊंगा”


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