Bihar News: ‘नीतीश कुमार के प्रशासन के अंदर चलता शराब का उद्योग’, चिराग का CM पर हमला, ताड़ी को कहा नेचुरल
Chirag Paswan Attacks CM Nitish Kumar: बिहार में शराबबंदी के तहत ताड़ी पर भी बैन है. पासी समाज लगातार इसे लेकर आंदोलन कर रहा. चिराग पासवान शुक्रवार को उनसे मिलने पहुंचे थे.
पटना: बिहार में पासी समाज (Pasi Samaj Andolan) ताड़ी पर बैन को लेकर आंदोलनरत है. कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और महागठबंधन के नेता जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा था कि ताड़ी नेचुरल जूस है. प्राकृतिक देन है. मुख्यमंत्री नीतीश (Nitish Kumar) इस पर बैन लगाकर ठीक नहीं कर रहे. अब शुक्रवार को चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भी ताड़ी को नेचुरल बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सीएम को गरीबों का ताड़ी बेचना दिखता है. उनके अधिकारियों के संरक्षण में शराब बनाई जाती है वो उनको नहीं दिखता है. बिहार सरकार के प्रशासन के अंदर ही शराब उद्योग का बिहार में धंधा चलता है. वो उसपर रोक नहीं लगाएंगे.
‘नीतीश कुमार के प्रशासन को शराब बनाने का अच्छे से पता’
चिराग ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत उन्होंने ताड़ी को भी जोड़ने का काम किया है. वो पढ़े लिखे व्यक्ति हैं. अपने आप को इंजीनियर कहते हैं. ये कैसे मान सकते. तमाम को एक ही श्रेणी में कैसे ला सकते हैं. उन्होंने कहा कि ताड़ी नेचुरल है सब जानते हैं. प्राकृतिक तौर पर बनती है इसे बनाया नहीं जाता. शराब को कैसे बनाया जाता ये सब जानते हैं. नीतीश कुमार के प्रशासन के लोग भली-भांति इस बात को जानते हैं. उनके अधिकारियों की संरक्षण में ही शराब बनाई जाती है. उनके संरक्षण में खुलेआम शराब बनाने का धंधा चलता है. उनके अंदर ही बिहार के विभिन्न पंचायतों में शराब निर्माण का उद्योग चलता है, लेकिन मुख्यमंत्री उन पर रोक लगाने की पहल नहीं करेंगे. कहा कि खुलेआम अवैध शराब के निर्माण का धंधा चलता है.
गरीबों पर चलता बिहार सरकार को जोर
जहरीली शराब से मरने वाले लोगों को लेकर कोई फर्क नहीं पड़ता. मुख्यमंत्री गरीब परिवार से आने वाले लोगों के ऊपर कार्रवाई करते हैं. ताड़ी बेचने वालों पर कार्रवाई होगी. उन पर झूठे केस होंगे. जहरीली शराब बनाने वाले को नहीं पकड़ते क्योंकि वहां से पैसे आते हैं. गरीब परिवार से आने वाले लोगों पर ही अत्याचार होते हैं. बता दें कि बिहार में ताड़ी बैन होने के बाद पासी सवाल ने जमकर बवाल किया है. उनकी मांग है कि इसपर से बैन हटा दिया जाए. उनकी रोजी रोटी इससे ही चलती है.
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