बेतियाः बिहार में कोरोना की लहर ने सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकार लाख दावे कर ले लेकिन बेतिया के अनुमंडल क्षेत्र स्थित जीएमसीएच से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे देखकर दावे की सारी पोल खुल जाएगी. आप यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या बिहार में कोरोना के मरीजों को ऐसे ही जीना पड़ेगा.


करोड़ों रुपये से बना अस्पताल, सुविधा नदारद


दरअसल, जीएमसीएच में कोरोना का एक मरीज रिक्शा पर बैठकर अस्पताल पहुंचा. इतना ही नहीं बल्कि रिक्शा पर ही ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर उसे जाना पड़ा. अरबों रुपये खर्च कर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निर्माण कराया गया लेकिन यहां सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं हैं. बड़े-बड़े भवन तो बना दिए गए हैं लेकिन मरीजों को एंबुलेंस तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है.


प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में भटकते रहे परिजन


शहर के क्रिश्चन क्वाटर्र मोहल्ले के रहने वाले सुशांत को लेकर उसके परिजन रिक्शा से निजी और सरकारी अस्पताल लेकर भटकते रहे. जब प्राइवेट एंबुलेंस भी उन्हे नहीं मिली तो रिक्शा से ही सुशांत को लेकर वे जीएमसीएच पहुंचे जंहा उसे भर्ती कराया गया. कई ऐसे भी मरीज के परिजन हैं जो यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहें हैं. परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीज मर रहें हैं और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है.


(इनपुटः कैलाश कुमार)


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