बिहार: साइबेरियन क्रेन से गुलजार हुआ पटना, जानें आर्मी कैंट दानापुर में क्या किए जा रहे इंतजाम
रिटायर्ड ब्रिगेडियर अमरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि कैंट एरिया दानापुर 1963 में स्थापित हुआ था. उसी समय साइबेरियन क्रेन को सब एरिया का पहचान चिह्न बनाया गया था. यही वजह है कि इसकी सुरक्षा के लिए आर्मी की तरफ से ध्यान भी दिया जाता है.
पटना: दानापुर आर्मी कैंट एरिया में साइबेरियन क्रेन के पहुंचने से इन दिनों क्षेत्र गुलजार हो गया है. किसानों के लिए खुशहाली और मानसून का संदेश लेकर आने वाले साइबेरियन क्रेन से नजारा बदला-बदला सा है. ऐसे में इनकी हिफाजत के लिए सेना की ओर से कैंट एरिया में ही पार्क में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं.
रिटायर्ड ब्रिगेडियर अमरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि कैंट एरिया दानापुर 1963 में स्थापित हुआ था. उसी समय साइबेरियन क्रेन को सब एरिया का पहचान चिह्न बनाया गया था. यही वजह है कि इसकी सुरक्षा के लिए आर्मी की तरफ से ध्यान भी दिया जाता है. इन पक्षियों के लिए एक कोहिनूर पार्क भी बनाया गया है जिसके चारों तरफ लगे पेड़ों पर यह आकर अपना बसेरा बनाते हैं.
हर साल काफी संख्या में आते साइबेरियन क्रेन
उन्होंने बताया कि अपना घोंसला बनाते हैं और यहीं अपना प्रजनन करते हैं. इनके खाने के इंतजाम आर्मी के तरफ से भी किया जाता है वही यह गंगा के तटों पर जाकर अपना मछली और घोघा शिकवा खाकर दिनचर्या चलाते हैं या प्रजनन करने के बाद या फिर अपने देश वापस लौट जाते हैं. हर साल यह पक्षी यहां काफी संख्या में आते हैं.
साइबेरियन क्रेन के आने से मानसून का संदेश
कहा जाता है कि यह साइबेरिया से आते हैं और यहां आकर अपना आशियाना बनाते हैं. जब यह पक्षी यहां पहुंचने लगता है तो यहां के लोग भी यह समझ जाते हैं कि इस बार मानसून काफी अच्छा होगा और जल्द ही मानसून भी आने वाला है.
(इनपुटः अभय राज)
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