पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) ने छुट्टी से लौटते ही 20 जनवरी को एक आदेश जारी किया था कि बिना शिक्षा विभाग की अनुमति के स्कूल बंद न किए जाएं. आदेश के बाद भी पटना में स्कूलों को बंद कर दिया गया. इसके बाद शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद सिंह ने सोमवार (22 जनवरी) को पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा था. यह भी कहा था कि अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिले के सारे स्कूलों को खुला रखने की कार्रवाई सुनिश्चित करें. इस पर मंगलवार (23 जनवरी) को पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने प्रतिक्रिया दी है.


सक्षम न्यायालय ही कर सकता है समीक्षा


इस संबंध में चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि इसमें विभागीय अनुमति लेने का प्रावधान नहीं है, न ही इसे किसी गैर-न्यायिक आदेश या पत्र से इसे बदला जा सकता है. सिर्फ सक्षम न्यायालय ही आदेश की न्यायिक समीक्षा कर सकता है. इस प्रकार माध्यमिक शिक्षा निदेशक का पत्र विधि-विरुद्ध है. विभाग चाहे तो विधिक मंतव्य प्राप्त कर सकता है.


माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद को पत्र लिखकर जवाब दिया है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि कोल्ड डे के कारण बच्चों की सेहत बिगड़ने की प्रबल संभावना है. दंड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों के तहत कक्षा 8 तक के स्कूलों को बंद रखने का न्यायिक आदेश निर्गत किया गया है.


डीएम ने कहा- 'टकराव की स्थिति नहीं'


बता दें कि पटना के जिलाधिकारी के आदेश पर जिले में आठवीं कक्षा तक के निजी और सरकारी सभी स्कूलों को बंद किया गया था. हालांकि पत्रकारों से बातचीत में मंगलवार को डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि परिस्थिति को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा. कहा कि सोमवार को पटना में 5.5 डिग्री तापमान रहा. उन्होंने यह भी कहा कि टकराव की कोई स्थिति नहीं है.


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